Rana Sanga : कौन था ये योद्धा Rana जिसने 1518 में इब्राहिम लोदी को हराया था ? क्या है देश में बवाल का कारण ?

Rana Sanga

राणा सांगा (Rana Sanga), जिन्हें महाराणा संग्राम सिंह के नाम से भी जाना जाता है, मेवाड़ के एक महान शासक थे जिन्होंने 1509 से 1527 तक शासन किया। उनकी वीरता, युद्ध कौशल और रणनीतिक समझ के कारण वे भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

Rana Sanga : Rana Sanga कौन था ये योद्धा ?

Rana Sanga
Rana Sanga

राणा सांगा, जिन्हें महाराणा संग्राम सिंह के नाम से भी जाना जाता है, मेवाड़ के एक महान शासक थे जिन्होंने 1509 से 1527 तक शासन किया। उनकी वीरता, युद्ध कौशल और रणनीतिक समझ के कारण वे भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

राणा सांगा: मेवाड़ के वीर योद्धा का जीवन परिचय

पूरा नाम: महाराणा संग्राम सिंह (राणा सांगा)

जन्म: 12 अप्रैल 1482, चित्तौड़गढ़, मेवाड़

पिता: महाराणा रायमल

माता: रानी पृथ्वीराज

राज्याभिषेक: 1509 ई.

मृत्यु: 17 मार्च 1528, कालपी


परिचय

राणा सांगा, यानी महाराणा संग्राम सिंह, मेवाड़ के सबसे वीर योद्धाओं में से एक थे। वे सिसोदिया राजवंश के थे और अपनी बहादुरी, युद्ध कौशल और राष्ट्रभक्ति के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राजपूताना को मुगलों और विदेशी आक्रमणकारियों से बचाने में लगा दी।


Rana Sanga :  शासन और उपलब्धियाँ

1. राज्य विस्तार और युद्ध नीति

राणा सांगा ने मेवाड़ को एक शक्तिशाली राज्य बनाया। उन्होंने मालवा, गुजरात, दिल्ली और अजमेर तक अपने राज्य का विस्तार किया। उनकी युद्ध रणनीति इतनी कुशल थी कि वे कमजोर सेना के बावजूद कई बड़े युद्ध जीतने में सफल रहे।

2. महत्वपूर्ण युद्ध

(क) खानवा का युद्ध (1527)

•बाबर के खिलाफ राणा सांगा की सबसे प्रसिद्ध लड़ाई थी।

•बाबर की तोपों और बारूद वाली सेना के सामने राणा सांगा की पारंपरिक राजपूती सेना कमजोर पड़ी।

•युद्ध में पराजय के बाद भी राणा सांगा ने हार नहीं मानी और फिर से एक शक्तिशाली सेना बनाने की कोशिश की।

(ख) खानदेश और मालवा पर विजय

•राणा सांगा ने सुल्तान महमूद खिलजी से मालवा को जीत लिया और इसे अपने साम्राज्य में मिला लिया।

•उन्होंने खानदेश और गुजरात के कई क्षेत्रों पर भी अधिकार कर लिया।


Rana Sanga :   व्यक्तित्व और विरासत

अदम्य साहस: राणा सांगा ने 80 से अधिक घाव खाकर भी अपने राज्य की रक्षा की थी। उनके एक हाथ और एक पैर कट चुके थे, लेकिन फिर भी वे युद्ध के मैदान में डटे रहे।

राजपूती शान: उन्होंने कभी किसी विदेशी शासक के सामने सिर नहीं झुकाया और वीरता की मिसाल कायम की।

मृत्यु: खानवा युद्ध के बाद राणा सांगा ने बाबर को हटाने के लिए एक और सेना तैयार की, लेकिन उनके ही सरदारों ने उन्हें जहर देकर मार दिया।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. राणा सांगा का सबसे बड़ा युद्ध कौन-सा था?

खानवा का युद्ध (1527) बाबर के खिलाफ उनका सबसे बड़ा युद्ध था।

2. राणा सांगा की मृत्यु कैसे हुई?

•उन्हें उनके ही सरदारों ने जहर दे दिया था क्योंकि वे बाबर के खिलाफ फिर से युद्ध छेड़ना चाहते थे।

3. क्या राणा सांगा ने बाबर को हराया था?

•प्रारंभ में वे बाबर पर भारी पड़े, लेकिन बाबर की तोपों और बारूद ने युद्ध का परिणाम बदल दिया।


स्रोत और प्रमाणिकता

ऐतिहासिक ग्रंथ: “वीर विनोद” (शिवदास), “तारीख-ए-शेरशाही”

पुरातत्व साक्ष्य: चित्तौड़गढ़ किला, खानवा युद्ध क्षेत्र

इतिहासकारों के उद्धरण: जदुनाथ सरकार, के.एस. लाल


Rana Sanga : क्यों है देश में इतना बवाल इनके नाम पर ?

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन ने मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहकर संबोधित किया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। इस बयान के बाद विभिन्न संगठनों, विशेषकर करणी सेना, ने विरोध प्रदर्शन किए और सुमन के आवास पर प्रदर्शन किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

रामजी लाल सुमन के इस बयान के खिलाफ राजस्थान से उत्तर प्रदेश तक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। करणी सेना ने समाजवादी सांसद को धमकी भी दी है। वहीं, भाजपा के नेता अखिलेश यादव पर सवाल उठा रहे हैं और राजस्थान विधानसभा में हंगामा हो रहा है। रामजी लाल सुमन से माफी की मांग की जा रही है, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

यह विवाद ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के प्रति सम्मान और उनके योगदान की समझ को लेकर समाज में व्याप्त संवेदनशीलता को दर्शाता है। ऐसे मामलों में सार्वजनिक हस्तियों को अपने वक्तव्यों में सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि समाज में अनावश्यक तनाव और विवाद उत्पन्न न हों।

Rana Sanga : क्या है अलग अलग पक्षों की राय? इस वीडियो को देखा जा सकता है ।

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Kunal Kamra विवाद: अभिव्यक्ति की आज़ादी बनाम राजनीति

Kunal Kamra comedian and Eknath sinde controversy

स्टैंड-अप कॉमेडियन  कुणाल  कामरा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। मुंबई में हुए उनके हालिया परफॉर्मेंस में उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर व्यंग्य किया, जिसके बाद राजनीतिक और कानूनी विवाद छिड़ गया।


Kunal Kamra : क्या था विवाद?

मुंबई के The Habitat Comedy Club में परफॉर्मेंस के दौरान Kunal Kamra ने एक व्यंग्यात्मक गाना प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने एकनाथ शिंदे को “गद्दार” (देशद्रोही) कहकर संबोधित किया। यह कटाक्ष 2022 में शिवसेना से उनके अलग होने और बीजेपी के साथ गठबंधन करने के संदर्भ में था।

Kunal Kamra comedian and Eknath sinde
Eknath sinde & Kunal Kamra

Kunal Kamra  के इस एक्ट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे शिंदे समर्थकों में भारी आक्रोश फैल गया। इसके बाद लगभग 20 शिवसेना कार्यकर्ताओं ने इस कॉमेडी क्लब पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ की। पुलिस ने 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें शिवसेना युवा विंग के नेता राहुल कनाल भी शामिल थे।


Kunal Kamra: राजनीतिक प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई

इस विवाद के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुणाल कामरा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है, लेकिन किसी के भी खिलाफ अनर्गल बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कुणाल कामरा से माफ़ी मांगने की भी अपील की।

इसके अलावा, शिवसेना नेताओं ने कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें उन पर मानहानि और सार्वजनिक भावना आहत करने का आरोप लगाया गया। यह मामला पहले MIDC पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ, जिसे बाद में खार पुलिस स्टेशन ट्रांसफर कर दिया गया।

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Kunal Kamra controversy: BMC की कार्रवाई और स्टूडियो पर बुलडोजर

इस विवाद के कुछ ही दिनों बाद, मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने The Habitat Comedy Club पर अनधिकृत निर्माण का हवाला देते हुए तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि, इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है।

इस घटना के बाद क्लब ने अपने कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की।


Kunal Kamra: प्रतिक्रिया

कुणाल कामरा ने अब तक कोई माफ़ी नहीं मांगी। इसके बजाय, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर भारतीय संविधान की एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, “The only way forward” (यही एकमात्र रास्ता है)।


Kunal Kamra -Eknath sinde controversy: इसका व्यापक प्रभाव

Kunal Kamra comedian and Eknath sinde
Kunal kamra eknath sinde

यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन को इस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा हो। पिछले कुछ वर्षों में, मुनव्वर फारूकी, वीर दास, और खुद कुणाल कामरा को भी कई बार शो रद्द होने, कानूनी नोटिस और धमकियों का सामना करना पड़ा है।

आलोचकों का मानना है कि यह घटना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिकुड़ते दायरे को दर्शाती है और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा है।

Kunal Kamra विवाद: शिवसेना (UBT) की प्रतिक्रिया

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने Kunal Kamra  के स्टूडियो में हुई तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की है। पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इस घटना की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को “कमजोर गृहमंत्री” कहा है। आदित्य ठाकरे ने भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल एक असुरक्षित कायर ही किसी के गाने पर प्रतिक्रिया करेगा। 

Kunal Kamra comedian
Kunal Kamra comedian

Kunal Kamra-Eknath sinde विवाद: शिवसेना का इतिहास और व्यंग्य पर प्रतिक्रिया

शिवसेना की स्थापना से ही पार्टी व्यंग्य और आलोचना के प्रति संवेदनशील रही है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अक्सर ऐसे मामलों में उग्र प्रतिक्रिया देते रहे हैं। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान भी, पार्टी ने व्यंग्य और आलोचना के प्रति कठोर रुख अपनाया था। 


निष्कर्ष

Kunal Kamra का यह विवाद यह दर्शाता है कि भारत में कलात्मक स्वतंत्रता और राजनीतिक संवेदनशीलता के बीच संघर्ष जारी है। यह मामला भविष्य में अभिव्यक्ति की आज़ादी और राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर नए सवाल खड़े कर सकता है।

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Today’s GOLD Rate : हुई हलचल ,10 ग्राम के दाम पहुंचे ₹90,500 ,जानें 22 और 24 कैरेट सोने के लेटेस्ट रेट्स !

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आज हम आपको सोने की कीमतों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो हर निवेशक और गहनों के खरीदार के लिए महत्वपूर्ण होती है।

Today’s GOLD Rate : 24 मार्च 2025

आज भारत में सोने की नई कीमतें (Gold Price Today in India)

शुद्धता

प्रति ग्राम मूल्य (₹)

प्रति 10 ग्राम मूल्य (₹)

22 कैरेट

₹8,290

₹82,900

24 कैरेट

₹9,050

₹90,500

(नोट: ये दरें विभिन्न शहरों में थोड़ी भिन्न हो सकती हैं।)

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GOLD Rate : पिछले दिनों में सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव

हाल के दिनों में सोने की कीमतों में हल्का उतार-चढ़ाव देखा गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती, वैश्विक बाजार में सोने की मांग और अन्य आर्थिक कारकों के कारण यह परिवर्तन हो सकता है।

तारीख

22 कैरेट (₹/10 ग्राम)

24 कैरेट (₹/10 ग्राम)

23 मार्च 2025

₹82,500

₹90,000

22 मार्च 2025

₹82,750

₹90,250

21 मार्च 2025

₹82,600

₹90,100

20 मार्च 2025

₹82,300

₹89,800

 GOLD Rate  : सोने की कीमतों पर असर डालने वाले मुख्य कारण

1. अंतरराष्ट्रीय बाजार: सोने की कीमतें वैश्विक आर्थिक स्थितियों, डॉलर की मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसलों पर निर्भर करती हैं।

2. मांग और आपूर्ति: भारत में शादी और त्योहारों के सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतें ऊपर जा सकती हैं।

3. रुपये की स्थिति: जब रुपया कमजोर होता है, तो सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं क्योंकि इसे डॉलर में आयात किया जाता है।

4. ब्याज दरें: जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो निवेशक सोने में अधिक निवेश करते हैं, जिससे इसकी कीमत बढ़ सकती है।

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GOLD Rate : क्या अभी सोना खरीदना सही रहेगा ?

यदि आप लंबी अवधि के निवेश की सोच रहे हैं, तो यह समय सोने में निवेश करने के लिए अच्छा हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है।

 GOLD Rate : 24 कैरेट और 22 कैरेट सोना: अंतर को जानें

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24 कैरेट सोना 22 कैरेट सोना
24 कैरेट सोना का सबसे शुद्ध सोना होता है और इसमें 99.5 प्रतिशत प्रेशियस मेटल रहता है। 22 कैरेट सोने में शुद्ध सोने का 91.6 प्रतिशत पार्ट और बाकी सिल्वर, कॉपर या अन्य मेटल होता है।
24 कैरेट सोना काफी नर्म, लचीला और मोड़ा जा सकने वाला होता है। 22 कैरेट सोना सख्त होता है और इसे आसानी से मोल्ड नहीं किया जा सकता।
24 कैरेट सोने का इस्तेमाल कंप्यूटर्स, मोबाइल हैंडसेट सहित मेडिकल और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट में अधिक होता है। 22 कैरेट सोने का दाम सोने का कम प्रतिशत होने के कारण कुछ सस्ता होता है।
24 कैरेट सोना सबसे महंगा सोने का प्रकार होता है। 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल ज्वैलरी, बार, बुलियन और कॉइन बनाने में किया जाता है।
24 कैरेट सोने का रंग ब्राइट येलो होता है। 22 कैरेट सोने का रंग कुछ फीका होता है क्योंकि इसमें अन्य मेटल्स मिलाए जाते हैं।

वास्तविक गोल्ड सर्टिफिकेशन : भारत में सोने की शुद्धता को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर से हॉलमार्किंग के जरिए सर्टिफाइड किया जाता है। हॉलमार्क सोना खरीदने से इसकी शुद्धता के साथ ही वैध होने का भी आश्वासन रहता है।

बायबैक की शर्तें : सोने की ज्वैलरी के किसी पीस को प्रोड्यूस और डिजाइन करने की कॉस्ट को मेकिंग चार्ज कहा जाता है। इसे ज्वैलरी की फाइनल कॉस्ट में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाने से पहले जोड़ा जाता है।

कुछ ज्वैलर्स का मेकिंग चार्ज फिक्स्ड होता है, जो आमतौर पर 8-16 प्रतिशत रहता है। अन्य ज्वैलर्स यह चार्ज ज्वैलरी के कुल भार के एक विशेष प्रतिशत पर ले सकते हैं। यह चार्ज डिजाइन और ज्वैलरी के मशीन से हाथ से बने होने के आधार पर अलग होता है।

फिजिकल सोना Vs गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स(ETF) Vs सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
फिजिकल सोना गोल्ड ETF सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
स्टोरेज फिजिकल सोने को आप सिक्के, बार और ज्वैलरी के तौर पर स्टोर कर सकते हैं। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी इनवेस्टर की होती है। गोल्ड ETF एक इलेक्ट्रॉनिक प्रकार होता है और इसकी स्टोरेज की जरूरत या इसके चोरी होने का रिस्क नहीं होता। इनके लिए फिजिकल स्टोरेज की जरूरत नहीं होती और इन्हें सुरक्षित तरीके से ट्रेड किया जा सकता है।
इंटरेस्ट सोने की ज्वैलरी पर कोई इंटरेस्ट नहीं मिलता और इसे बहुत से लोग सुरक्षित लेकिन बिना रिटर्न वाला इनवेस्टमेंट मानते हैं गोल्ड ETF पर भी कोई इंटरेस्ट नहीं मिलता लेकिन इनवेस्टमेंट पर रिटर्न अलग हो सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स पर इंटरेस्ट मिलता है।
टैक्स सोने की वैल्यू 30 लाख रुपये से अधिक होने पर वेल्थ टैक्स लगाया जाता है। गोल्ड ETF पर नॉन-इक्विटी फंड्स के समान टैक्स लगता है। शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म गेन्स पर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स चुकाना होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स को मैच्योरिटी से पहले बेचने पर टैक्स लगता है। अगर इन बॉन्ड्स को मैच्योरिटी तक रखा जाता है तो कैपिटल गेन्स पर कोई टैक्स नहीं है। इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट के लिए टैक्स देना होता है।

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“Nowruz त्योहार : इतिहास, परंपराएँ और समूचे विश्वभर में इसका महत्व क्या है ?”21 मार्च का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे लोग !

Nouruz Festival

Nowruz, जिसे फारसी नववर्ष भी कहा जाता है, वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है ,यह फ़ारसी  धर्म का नव वर्ष  है जो की ईरान, अफगानिस्तान, मध्य एशिया और भारत में काफी धूम धाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है । यह प्राचीन ज़रथुस्त्र परंपराओं से जुड़ा हुआ त्योहार है, जिसमें हफ़्त सीन सजाने, पारंपरिक व्यंजन बनाने और परिवार के साथ समय बिताने जैसी खास रस्में निभाई जाती हैं। नौरोज़ हमें नई शुरुआत, सौहार्द्र और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश देता है।

Nowruz त्योहार : फारसी नववर्ष का रंगारंग उत्सव

अनुक्रम (Table of Contents)

1. Nowruz त्योहार :  परिचय
2. Nowruz त्योहार :  नौरोज़ का ऐतिहासिक महत्व
3. Nowruz त्योहार :  नौरोज़ मनाने की परंपराएँ और रीति-रिवाज
4. Nowruz त्योहार :  नौरोज़ और ‘हफ़्त सीन’ की विशेषता
5. Nowruz त्योहार :   भारत और विश्व में नौरोज़ का उत्सव
6. Nowruz त्योहार :   नौरोज़ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
7. निष्कर्ष

1. परिचय

Nouruz Festival
Nouruz Festival

नौरोज़, जिसे फारसी नववर्ष भी कहा जाता है, मुख्य रूप से ईरान, अफगानिस्तान, अज़रबैजान, तुर्की, भारत और मध्य एशिया के अन्य देशों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन के साथ जुड़ा हुआ है और इसे प्रकृति के पुनर्जन्म, नई ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। नौरोज़ का अर्थ “नया दिन” होता है, और यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 20 या 21 मार्च को पड़ता है।


2. नौरोज़ का ऐतिहासिक महत्व

Nowruz Festival
Nowruz Festival

नौरोज़ की शुरुआत ईरान के प्राचीन ज़रथुस्त्र धर्म से मानी जाती है, जिसे 3000 वर्षों से भी अधिक पुराना माना जाता है। इस त्योहार का उल्लेख प्राचीन फारसी ग्रंथों और ऐतिहासिक अभिलेखों में भी मिलता है। यह त्योहार पर्शियन साम्राज्य के समय से ही मनाया जाता रहा है और समय के साथ इसे विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों ने अपनाया।


3. नौरोज़ मनाने की परंपराएँ और रीति-रिवाज

Nowruz Festival
Nowruz Festival

नौरोज़ से पहले कई सप्ताह की तैयारियाँ की जाती हैं, जिनमें घरों की सफ़ाई, नए कपड़े खरीदना, पारंपरिक व्यंजन बनाना और प्रियजनों से मिलना शामिल होता है। नौरोज़ के दौरान लोग अपने घरों को फूलों और रंगीन सजावटों से सजाते हैं और अपने परिवारों के साथ विशेष भोज का आनंद लेते हैं। इस दिन को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए लोग अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए विशेष अनुष्ठान भी करते हैं।


4. नौरोज़ और ‘हफ़्त सीन’ की विशेषता

Nowruz Festival
Nowruz Festival

नौरोज़ के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक हफ़्त सीन (Haft-Seen) है। यह एक पारंपरिक मेज़ सजावट है जिसमें सात महत्वपूर्ण चीजें रखी जाती हैं, जो सभी “स” अक्षर से शुरू होती हैं और जिनका विशेष प्रतीकात्मक महत्व होता है:

1.सब्ज़े (Sabzeh) – अंकुरित अनाज, जो जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक है।

2.सेब (Sib) – सौंदर्य और स्वास्थ्य का प्रतीक।

3.सेर (Sir) – लहसुन, जो दवा और सुरक्षा का प्रतीक है।

4.सेन्कद (Senjed) – सूखे मेवे, जो प्रेम और शक्ति दर्शाते हैं।

5.सुमाक (Somāq) – लाल मसाला, जो सूर्योदय और धैर्य का प्रतीक है।

6.सिरका (Serkeh) – धैर्य और वृद्धावस्था का प्रतीक।

7.सामनू (Samanu) – मीठा व्यंजन, जो शक्ति और उर्वरता दर्शाता है।

इसके अलावा, हफ़्त सीन की मेज़ पर एक आईना, रंगीन अंडे, मोमबत्तियाँ और एक सुनहरी मछली भी रखी जाती है, जो जीवन और प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती हैं।


5. भारत और विश्व में नौरोज़ का उत्सव

Nowruz Festival
Nowruz Festival

भारत में नौरोज़ मुख्य रूप से पारसी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह दो बार मनाया जाता है – एक बार ईरानी कैलेंडर के अनुसार मार्च में और दूसरा जुलाई-अगस्त में पारसी समुदाय के शहंशाही कैलेंडर के अनुसार। मुंबई और गुजरात के पारसी समुदाय इस दिन विशेष प्रार्थनाएँ करते हैं और पारंपरिक व्यंजन तैयार करते हैं।

अन्य देशों में नौरोज़ को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। यूनेस्को ने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है, और संयुक्त राष्ट्र ने 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय नौरोज़ दिवस के रूप में घोषित किया है।


6. Nowruz  का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

नौरोज़ केवल एक नया साल मनाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह एक नई शुरुआत, आत्मशुद्धि और सामाजिक सद्भाव का संदेश भी देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जीवन में नवीनीकरण और परिवर्तन आवश्यक हैं और हमें अपने आस-पास की प्रकृति और समाज के प्रति संवेदनशील बने रहना चाहिए।


7. निष्कर्ष

नौरोज़ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है। यह हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने, परिवार और समाज के साथ जुड़े रहने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देता है। भारत जैसे विविधता भरे देश में इस तरह के त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध करते हैं।

आपको यह ब्लॉग कैसा लगा? क्या आप नौरोज़ से जुड़ी कोई और जानकारी अपने पाठकों तक पहुँचाना चाहेंगे? हमें कमेंट में बताइए!

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नागपुर : औरंगजेब की कब्र को लेकर हिंसक झड़पें, 20 से ज्यादा वाहनों में आगजनी ,अफवाह या सोची समझी साजिश ?

नागपुर

नागपुर : औरंगजेब की कब्र विवाद को लेकर बवाल, कई लोग घायल, पुलिस अलर्ट जारी  की गई है । महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़क उठी, जब दो समुदायों के बीच झड़पें हुईं। बताया जा रहा है कि विवाद औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। देखते ही देखते मामला बेकाबू हो गया और पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई। जिसके बाद हालात बिगड़ गए। उपद्रवियों ने वाहनों में तोड़फोड़ की, कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस पर पथराव किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

नागपुर : कैसे शुरू हुआ विवाद?

सूत्रों के अनुसार, कुछ संगठनों ने औरंगजेब की कब्र के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। इसी दौरान एक धार्मिक ग्रंथ के अपमान की अफवाह फैल गई, जिससे दोनों समुदायों के बीच टकराव बढ़ गया। कुछ शरारती तत्वों ने इस मौके का फायदा उठाकर हिंसा भड़का दी।

नागपुर
नागपुर

नागपुर : हिंसा का मंजर

•उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

•भीड़ ने दुकानों और घरों पर पत्थरबाजी की।

•पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प में कई लोग घायल हुए, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

•हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा।

नागपुर
नागपुर

नागपुर : प्रशासन की कड़ी कार्रवाई

•नागपुर पुलिस ने धारा 144 लागू कर दी है, जिससे चार से अधिक लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लग गया है।

•अब तक 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस उपद्रवियों की पहचान करने में जुटी है।

•सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है और कुछ अकाउंट्स को भी ब्लॉक किया गया है।

नागपुर
नागपुर

नागपुर : राजनीतिक बयानबाज़ी

•मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस हिंसा को ‘सुनियोजित साजिश’ करार दिया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री शिंदे ने ये भी कहा कि राज्य में शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

•विपक्षी नेता उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “डबल इंजन सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है।”

•महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और प्रशासन को सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए।

नागपुर
नागपुर

नागपुर : वर्तमान स्थिति

फिलहाल नागपुर पुलिस और प्रशासन हालात को काबू में रखने की कोशिश कर रहे हैं। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।हिंसा प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और ड्रोन से नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है।

https://www.aajtak.in/programmes/ranbhumi/video/nagpur-violence-stirs-up-maharashtra-politics-cm-devendra-fadnavis-orders-strict-action-against-rioters-frvd-2193205-2025-03-18

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दुःख की बात तो ये है की ऐसे घटनाओं में जान तो आम आदमी की जाती है लेकिन इसके आग में रोटियां सेंकने का काम राजनीतिक पार्टी के लोग करते हैं . हमें ये समझना पड़ेगा की हमारे लिए क्या महत्वपूर्ण है ? धर्म के नाम पर लड़ाई लड़ना या शान्ति बनाये रखकर अपने और अपने परिवार के अच्छे भविष्य के लिए काम करना। हमें ये काफी गंभीरता से सोचना पड़ेगा । क्यों की  ऐसा करके न हम अपने परिवार का बल्कि एक अच्छे समाज और देश का निर्माण कर सकते हैं ।

क्या नागपुर में शांति बहाल होगी ? क्या हिंसा के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र था ?

इस मुद्दे पर आपकी क्या राय है ?  हमें कमेंट में जरूर बताएं !   – टीम Know Your Duniya

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दुखद ! 16 मार्च को Arvind singh mewar हुए पंचतत्व में हुए विलीन

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दुखद ! 16 मार्च को Arvind singh mewar हुए पंचतत्व में हुए विलीन

16 मार्च को अरविंद सिंह मेवाड़ हुए पंचतत्व में हुए....

दुखद ! 16 मार्च को Arvind Singh Mewar के निधन के बाद शोक की लहर, शंभू निवास से निकलेगी अंतिम यात्रा, 11 बजे तक आम लोग  कर सकेंगे अंतिम दर्शन

Arvind Singh Mewar
Arvind Singh Mewar

16 मार्च को उदयपुर मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के वरिष्ठ सदस्य का बीती रात को  81 साल की उम्र में निधन हो गया है ।  उनका पार्थिव शरीर शंभू निवास पैलेस में रखा गया है, जहां लोग  उनके अंतिम दर्शन कर सकते हैं। अरविंद सिंह मेवाड़ लम्बे समय से बीमार थे और उदयपुर स्थित उनके नीज निवास पर ही उनका इलाज चल रहा था । पारिवारिक सूत्रों ने बताया की उन्होंने रविवार के सुबह अंतिम सांस ली ।

Arvind Singh Mewar
Arvind Singh Mewar

16 मार्च को Arvind singh mewar पंचतत्व में विलीन हुए , वे मेवाड़ राजवंश के पूर्व महाराणा और एचआरएच ग्रुप ऑफ़ होटल्स के अध्यक्ष थे ।अरविंद सिंह मेवाड़ महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी मेवाड़ के छोटे बेटे थे। अरविंद सिंह मेवाड़ की 3 संतानें हैं।

16 मार्च को पंचतत्व में हुए विलीन Arvind singh mewar की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

16 मार्च को  पंचतत्व में  विलीन Arvind singh mewar का जन्म 13 दिसंबर 1944 को उदयपुर में हुआ  , महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी मेवाड़ के पुत्र थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर प्राप्त की और 1957 में मेयो कॉलेज अजमेर में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने 1961 में सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद अरविंद सिंह मेवाड़ ने महाराणा भूपाल कॉलेज, उदयपुर से अंग्रेजी साहित्य, अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में स्नातक किया।  अरविंद सिंह मेवाड़ होटल प्रबंधन का अध्ययन करने के लिए यूके और यूएसए का चले गए , जहाँ उन्होंने मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, सेंट एल्बंस में होटल प्रबंधन का कोर्स किया और 1967 में शिकागो में हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज में ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण लिया।

16 मार्च को पंचतत्व में हुए विलीन Arvind singh mewar का व्यवसाय :

16 मार्च को  पंचतत्व में  विलीन अरविंद सिंह मेवाड़ एच आर एच ग्रुप ऑफ़ होटल्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे, जिसकी स्थापना उनके पिता महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ ने 1963 में की थी। उन्होंने उदयपुर के सिटी पैलेस में क्रिस्टल संग्रहालय और प्राचीन कारों के संग्रह को जनता के लिए खोला, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिला।

Arvind Singh Mewar
Arvind Singh Mewar

16 मार्च को पंचतत्व में हुए विलीन Arvind singh mewar का व्यक्तिगत जीवन :

16 मार्च को  पंचतत्व में  विलीन  अरविंद सिंह मेवाड़ ने 1972 में, विजय राज कुमारी से विवाह किया, जो कच्छ के महाराव   विजय राज जी के पोते फतेह सिंह की पुत्री हैं। अरविंद सिंह मेवाड़ की तीन संतानें हैं : पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और दो पुत्रियाँ, भार्गवी कुमारी और पद्मजा कुमारी।

Arvind Singh Mewar Family
Arvind Singh Mewar Family
16 मार्च को पंचतत्व में हुए विलीन Arvind singh mewar की विरासत :

16 मार्च को  पंचतत्व में  विलीन अरविंद सिंह मेवाड़ का जीवन मेवाड़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी। अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपनी विरासत को केवल एक शाही परिवार के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी देखा। उन्होंने उदयपुर के प्रसिद्ध सिटी पैलेस को एक जीवंत विरासत स्थल के रूप में विकसित किया।

Arvind Singh Mewar
Arvind Singh Mewar

16 मार्च को  पंचतत्व में  विलीन Arvind singh mewar के प्रयासों से सिटी पैलेस में कई संग्रहालय और सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किए गए, जिनमें प्रमुख हैं:

क्रिस्टल गैलरी: एक अनोखा संग्रहालय जिसमें दुर्लभ क्रिस्टल वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं।

विंटेज कार संग्रहालय: जहां शाही परिवार की पुरानी कारों का संग्रह रखा गया है।

भगवान श्री एकलिंगनाथ जी मंदिर की परंपरा को बनाए रखना, जो कि मेवाड़ के शासकों के कुलदेवता हैं।

वे मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन के भी संरक्षक थे, जो ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण, कला, संगीत और लोक संस्कृति को प्रोत्साहित करने का कार्य करता है।

16 मार्च को  पंचतत्व में  विलीन Arvind singh mewar को मिला सम्मान और पुरस्कार :

Arvind singh mewar को भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान प्राप्त हुए :

2006 में UNESCO एशिया-पैसिफिक हेरिटेज अवार्ड

2012 में ‘लिविंग हेरिटेज’ अवार्ड

संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा विशेष सम्मान

16 मार्च को  Arvind singh mewar पंचतत्व में विलीन हो गए उन्होंने मेवाड़ की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका निधन न केवल मेवाड़, बल्कि संपूर्ण राजस्थान के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

https://hindi.asianetnews.com/state/rajasthan/udaipur-news-arvind-singh-mewar-last-rites-former-mewar-royal-family-member-descendant-of-maharana-pratap/articleshow-7gl7c71

https://knowyourduniya.com/%e0%a4%86%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%ab%e0%a4%b2-todays-horoscope-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%8f-17-march-25/

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सोने के भाव ने छुआ आसमान ! Gold Rate Today: शनिवार को महंगा हुआ सोना, चेक करें 10 ग्राम गोल्ड का रेट।

Gold
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Gold बार,Image credit: Unsplash+

सोने का आज का rate:

आज शनिवार 15 मार्च को सोना महंगा हुआ है।आज कोलकाता में 24 कैरेट सोने की कीमत 88,615 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि 22 कैरेट सोने की कीमत 81,200 रुपये प्रति 10 ग्राम है। देश के बड़े शहरों में 24 कैरेट सोने का भाव 89,900 रुपये के आसपास और 22 कैरेट गोल्ड 82,400 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा है।हमने हाल के दिनों में देखा है की सोने के भाव आसमान छूते जा रहे हैं । आज से तक़रीबन 4 से 5 साल पहले सोने के भाव (Gold Rate) करीब 50000 रुपये के आस पास थे । सोने के दाम में इतनी तेज बढ़ोतरी के मुख्य कारण  वस्तुतः वैश्विक अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी है ।10 ग्राम सोने का भाव जल्द 90,000 रुपये पहुंच जाएगा।

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आखिर क्यों इतनी तेज रफ़्तार से बढ़ रहा है सोने (Gold) का rate:

हाल में देखा गया है की राष्ट्रपति बने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने पूरे वर्ल्ड को टैरिफ वॉर के आग में झोंक दिया है । इससे वैश्विक कारोबार को लेकर काफी अनिश्चितता पैदा हो गई है। इससे सोना सेफ हेवन एसेट के रूप में मजबूत हो रहा है। सोने की वैश्विक कीमत तो रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

सोने (Gold)में निवेश बना लोगों की पहली पसंद :

जब भी दुनिया में मंदी आती है, आर्थिक अनिश्चितता आती है, भू-राजनीतिक तनाव पैदा होते हैं या शेयर मार्केट क्रैश होता है, तो सोना सेफ हेवन एसेट के रूप में मजबूत हो जाता है। इन परिस्थितियों में केंद्रीय बैंक और निवेशक सोना खरीदते हैं, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आती है। नीचे दिए गए ग्राफ से आप जान पाएंगे की सोने यानि की gold की कीमत में किस तरह से उतर चढाव देखा गया है ।

gold rate graph
gold rate

आप इस लिंक पर क्लिक करके सोने की कीमत सा सम्बंधित और ज्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं 

https://www.indiatv.in/paisa/business/gold-broke-all-records-reached-an-all-time-high-buying-is-being-seen-continuously-2025-03-15-1120217

सोच-समझ कर करें सोने की खरीददारी :

सोने की खरीद करते वक़्त आपको पूरी तरह सोच समझकर निर्णय करनी चाहिए , अफवाहों में आकर कभी भी ऊँचे दामों में न खरीदें . कीमती धातु के मूल्यों में होने वाले बदलाव के कारणों की भविष्यवाणी करना हमेशा कठिन होता है। सबसे बड़ा कारण करेंसी मूवमेंट है और ये चीजें व्‍यक्तिगत तौर पर नियंत्रण से बाहर होती हैं। इसलिए, यदि यदि आप सोने की कीमतों में मुद्रा में कारण बन सकते हैं तो ये अच्‍छी या अन्‍य बात है। आप जब चाहें तक सोना खरीद सकते हैं लेकिन एक निर्धारित दाम पर। यदि किसी मामले में,आप कम कीमत पर सोना खरीदते हैं तो ये अच्‍छा है लेकिन ऐसा तभी संभव है जब सोने की कीमतों में भारी गिरावट आ गई हो। यदि आपने सही तरीके से अनुमान या स्‍टडी वर्क नहीं किया है तो ये आपके बजट पर भारी पड़ सकता है। इसलिए, सोने की खरीददारी सोच-समझकर करें। ये आपके बजट को नुकसान पहुँचा सकती है।

मांग और आपूर्ति पर तय होती हैं कीमतें

कुल मिलाकर, देश में सोने की कीमतों में बदलाव, मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। मुद्रा में उतार-चढाव, सेंट्रल बैंकों से खरीददारी, स्‍थानीय कर भी इसका बहुत बड़ा कारण होते हैं। भारत में सोने की कीमतें, बुलियन एसोसिएशन द्वारा काफी हद तक निर्धारित की जाती है, जिसके बदले सोने के खुदरा विक्रेताओं द्वारा तय किया जाता है।

सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

इसलिए,आपको सलाह दी जाती है कि सोना खरीदने से कीमत, संभावित कीमतें आदि को जान लें। शादी के सीज़न, पर्व आदि पर खरीदने से बचें। इस दौरान सोना अधिक मंहगा होता है।

क्यों सोना है सफल निवेश ?

सोने का गहना सिर्फ एक सजावट भर नहीं है बल्कि एक निवेश भी है। सोना खरीदते वक्त आप ये ध्यान रखें कि वक्त आने पर आप उसे दोबारा विक्रय कर सकें ताकि आपको ज्यादा लाभ मिले। सोना महज सजावट नहीं बल्कि एक निवेश भी है। इसलिए आप गहनों के अलावा सोने के सिक्के आदि खरीद सकतें और बाद में इनका विक्रय करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं। सोने में निवेश का सबसे अच्छा वक्त तब है जब सोने के दाम बहुत कम हों। मान लीजिए आज सोने के दाम 30 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम हैं और आप सोने में निवेश करतें हैं तो आपको मिलने वाला लाभ बहुत कम होगा। यही निवेश यदि आप तब करते हैं जब सोने का भाव 25 हजार रुपए के आस-पास रहता है तो आपको 4 से 5 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम का बेहतर लाभ मिल सकता है।

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Polycab : बेहतरीन फ़ण्डामेंटल्स वाला ये share ने मचाया है तहलका ।

Polycab एक बेहतरीन फंडामेंटल्स वाली कंपनी है जो की वायर्स एंड केबल्स बनाने वाली कम्पनीज में अग्रणी कंपनी है । इनके पास व्यावहारिक रूप से हेर एप्लीकेशन,एलईडी लाइटके लिए केबल और तारों की एक श्रृंखला है । हल ही में Polycab ने पंखे ,स्विच, switchgear ,LED लाइट्स, सोलर इनवर्टर और पंप जैसे उपभोक्ता विद्युत् उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला भी लांच की है । ऐसा नहीं है की ये कंपनी केवल वायर सेगमेंट में है बलिक ये HVAC केबल में भी इनकी हिस्सेदारी काफी ज्यादा है । इस कंपनी के उत्पाद देश विदेशों में एक्सपोर्ट किये जाते हैं क्युकी इनकी डिमांड काफी ज्यादा हैं ।

screenshot of fundamentals details of polycab share
Growth share polycab

 

Polycab ने 31.3% के ROCE और 23.2% के ROE से अब तक जबरदस्त return दिया है । इस समय यह 47.2 के PE RATIO पे ट्रेड कर रहा है जो की अच्छा मन जा सकता है क्युकी ये कुछ दिने पहले 70 के PE पर कुछ दिन पहले ट्रेड कर रहा था जो की बहुत OVERVALUED था , पर अब इसके वैल्यूएशन में काफी करेक्शन हुआ है और अब ये फेयर वैल्यू पर ट्रेड कर रहा है ।

 

PICTURE OF CORRECTION IN POLYCAB SHARE
PRICE CORRECTION IN POLYCAB

 

POLYCAB: टॉप से करीब 28% नीचे आ चूका है ये SHARE

करीब 28% के भारी करेक्शन के बाद ये शेयर अट्रैक्टिव लेवल पर आ चूका है

polycab shareholding image
policab stock shareholding pattern

 

POLYCAB: shareholding में भी promotors और FIIs का विश्वास।

Dec2024 के क्वार्टर में भी प्रोमोटर्स की होल्डिंग 63% के करीब है और विदेशी संस्थागत निवेशक की हिस्सेदारी भी करीब 13% के आस पास है । ये होल्डिंग्स कंपनी में इनके विश्वास को परिलक्षित करता है ।

https://www.screener.in/company/POLYCAB/consolidated/
उपरोक्त लिंक पर क्लिक करके इस शेयर के बारे में और ज्यादा जानकारी हसिल की जा सकती hai.

उपरोक्त वीडियो पैर क्लिक करके ये देखा जा सकता है की polycab शेयर अभी क्यों गिर रहा है .

चेतावनी : ये पोस्ट केवल जानकारी के लिए है , निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर की हेल्प ले , नुकसान के लिए राइटर जिम्मेदार नहीं होगा।
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अब New Delhi Railway station पर मौत का तांडव : फिर देश में 18 लोगों की गयी जान

NewDelhi railway station

New Delhi Railway Station पर शनिवार रात रेलवे अधिकारियों की लापरवाही से हुई भगदड़ में 18 लोगों में मौत हो गई। इसमें महिलाओं और बच्चों सहित कुल 18 लोग शामिल हैं । सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन होगा ? देश में आज कल ये प्रथा चल पड़ी है कि कितने भी लोगों कि मौत हो जाये बस एक जांच कमिटी का गठन कर पल्ला झाड़ लिया जाता है ।

New delhi station death
photo credit :amar ujala

नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 13-14 पर भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि कुछ लोगों का दम घुटने लगा. कहीं और जाने की जगह नहीं मिली और लोग वहीं अपनी मौत का इंतजार करने को मजबूर हो गए.

इस हादसे में जान गंवाने वालों के नाम सामने आए हैं. 18 लोगों में 14 महिलाएं हैं. 
हादसे में इन 18 लोगों की मौत हो गई-

1. आहा देवी पत्नी रविन्दी नाथ, निवासी बक्सर बिहार, उम्र 79 वर्ष
2. पिंकी देवी पत्नी उपेन्द्र शर्मा, निवासी संगम विहार दिल्ली, उम्र 41 वर्ष
3. शीला देवी पत्नी उमेश गिरी, निवासी सरिता विहार दिल्ली, उम्र 50 वर्ष
4. व्योम पुत्र धर्मवीर, निवासी बवाना दिल्ली, उम्र 25 वर्ष
5. पूनम देवी पत्नी मेघनाथ, निवासी सारण बिहार, उम्र 40 वर्ष
6. ललिता देवी पत्नी संतोष, निवासी परना बिहार, उम्र 35 वर्ष
7. सुरुचि पुत्री मनोज शाह, निवासी मुजफ्फरपुर बिहार, उम्र 11 वर्ष
8. कृष्णा देवी पत्नी विजय शाह, निवासी समस्तीपुर बिहार, उम्र 40 वर्ष
9. विजय साह पुत्र राम सरूप साह, निवासी समस्तीपुर बिहार, उम्र 15 वर्ष
10. नीरज पुत्र इंद्रजीत पासवान, निवासी वैशाली बिहार, उम्र 12 वर्ष
11. शांति देवी पत्नी राज कुमार मांझी, निवासी नवादा बिहार, उम्र 40 वर्ष
12. पूजा कुमार पुत्री राज कुमार मांझी, निवासी नवादा बिहार, उम्र 8 वर्ष
13. संगीता मलिक पत्नी मोहित मलिक, निवासी भिवानी हरियाणा, उम्र 34 वर्ष
14. पूनम पत्नी वीरेंद्र सिंह निवासी, महावीर एन्क्लेव, उम्र 34 वर्ष
15. ममता झा पत्नी विपिन झा निवासी, नांगलोई दिल्ली, उम्र 40 वर्ष
16. रिया सिंह पुत्री ओपिल सिंह, निवासी सागरपुर दिल्ली, उम्र 7 वर्ष
17. बेबी कुमारी पुत्री प्रभु साह, निवासी बिजवासन दिल्ली, उम्र 24 वर्ष
18. मनोज पुत्र पंचदेव कुशवाह, निवासी नांगलोई दिल्ली, उम्र 47 वर्ष

हादसे के बाद जागा प्रशासन

दिल्ली पुलिस ने यह कंफर्म किया था कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कल रात हुई भगदड़ में 14 महिलाओं समेत 18 लोगों की जान चली गई है. हादसे के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर भीड़ को काबू करने के लिए व्यवस्था की जा रही है।

https://navbharattimes.indiatimes.com/india/new-delhi-railway-station-stampede-live-update-deaths-of-passengers-prayagraj-mahakumbh-mela/liveblog/118285917.cms

दिल्ली के एलजी ने घायलों से अस्पताल में जाकर मुलाकात की। इससे पहले पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया। हादसे में मारे गए 18 लोगों के परिवार जनों को Ex-Gratia के रूप में 180 लाख रुपए की राशि दी गई।

 

NewDelhi railway station
image credit:NBT

भगदड़ के बाद रेलवे ने New Delhi Railway स्टेशन से की महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेनों की घोषणा:

ट्रेन संख्या-04420 शाम सात बजे नई दिल्ली से खुलेगी और गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, रायबरेली के रास्ते फाफामऊ जंक्शन तक जाएगी।

ट्रेन संख्या-04422 रात नौ बजे नई दिल्ली से चलकर गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ और रायबरेली होते हुए फाफामऊ जंक्शन तक जाएगी।

ट्रेन संख्या-04424 रात आठ बजे आनंद विहार टर्मिनल से रवाना होगी और गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ और रायबरेली के रास्ते फाफामऊ तक जाएगी।

ट्रेन संख्या-04418 दोपहर बाद तीन बजे नई दिल्ली से खुलेगी और गाजियाबाद, चिपयाना बुज़ुर्ग, कानपुर, लखनऊ, फाफामऊ, वाराणसी, दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और पाटलिपुत्र जंक्शन होते हुए दरभंगा जंक्शन तक जाएगी।

 

इसरो स्पाडेक्स : उपग्रहों के बीच की दूरी 3 मीटर, डॉकिंग में तीसरी बार देरी

इसरो स्पाडेक्स: उपग्रहों के बीच की दूरी 3 मीटर, डॉकिंग में तीसरी बार देरी

इसरो ने रविवार को कहा कि अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग करने के लिए प्रक्षेपित किए गए दो उपग्रहों को परीक्षण के तौर पर तीन मीटर के दायरे में लाया गया और फिर सुरक्षित रूप से वापस ले जाया गया।

अंतरिक्ष एजेंसी ने यह भी कहा कि डेटा का आगे विश्लेषण करने के बाद डॉकिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

इसरो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “15 मीटर और आगे तीन मीटर तक पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया है। अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है। डेटा का आगे विश्लेषण करने के बाद डॉकिंग प्रक्रिया की जाएगी।”

इसरो स्पाडेक्स : क्या है सैटेलाइट डॉकिंग की प्रक्रिया

सैटेलाइट डॉकिंग में दो अंतरिक्ष यानों को सुरक्षित तरीके से जोड़ने की प्रक्रिया शामिल है। इसमें पहले दोनों यानों को एक ही कक्षा में लाया जाता है और उनकी गति और दूरी को मिलीमीटर-प्रति-सेकंड के हिसाब से नियंत्रित किया जाता है। जब दोनों यान एकदम करीब पहुंचते हैं, तो डॉकिंग सिस्टम के जरिए उन्हें आपस में जोड़ दिया जाता है।