✍️ लेखक: knowyourduniya.com टीम 15 अप्रैल 2025
नेशनल हेराल्ड केस एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस बहुचर्चित मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 752 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। इस कार्रवाई की जद में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) की संपत्तियाँ आई हैं, जिनमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित कीमती अचल संपत्तियाँ कथित रूप से शामिल हैं।
नेशनल हेराल्ड केस : आखिर क्या है यह मामला ?

नेशनल हेराल्ड केस पिछले कुछ वर्षों में देश की राजनीति और न्याय व्यवस्था में बहुत चर्चा का विषय बना रहा है। इस केस की जड़ें एक पुराने अखबार, कुछ बड़ी राजनीतिक हस्तियों और भारी-भरकम संपत्तियों से जुड़ी हुई हैं। आइए, इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।
नेशनल हेराल्ड क्या है ?
नेशनल हेराल्ड एक अंग्रेज़ी भाषा का अखबार था जिसे 1942 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम के समय शुरू किया था। इस अखबार को प्रकाशित करने वाली कंपनी थी – एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL)। बाद में AJL ने दो अन्य अखबार भी निकाले – ‘नवजीवन’ (हिंदी) और ‘कौमी आवाज़’ (उर्दू)।
समय के साथ यह अखबार आर्थिक कारणों से बंद हो गया, लेकिन AJL के पास देश के अलग-अलग शहरों में करोड़ों रुपये की अचल संपत्तियाँ बची रहीं।
यंग इंडिया लिमिटेड की एंट्री
साल 2010 में एक नई कंपनी बनाई गई – यंग इंडिया लिमिटेड (YIL)। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी है।
AJL का कर्ज चुकाने के बहाने यंग इंडिया ने AJL की सारी संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया।
ईडी और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यंग इंडिया ने सिर्फ 50 लाख रुपये में AJL की हजारों करोड़ की संपत्तियाँ अपने नाम कर लीं, जिससे गांधी परिवार को भारी निजी लाभ हुआ।
मामले की कानूनी स्थिति
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सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले को अदालत में उठाया और धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस केस में जांच शुरू की और गांधी परिवार से पूछताछ की गई।
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2022 में ईडी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित AJL और यंग इंडिया की संपत्तियाँ जब्त कर लीं।
नेशनल हेराल्ड केस : ईडी का आरोप क्या है ?

ईडी का आरोप है कि यंग इंडिया ने सिर्फ 50 लाख रुपये में AJL का स्वामित्व हासिल कर लिया, जबकि AJL की संपत्तियों की कीमत हजारों करोड़ रुपये है। यह लेन-देन सामान्य नहीं बल्कि धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की योजना का हिस्सा बताया जा रहा है।
जब्त संपत्तियों की जानकारी
ईडी ने बताया कि इस कार्रवाई के तहत:
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दिल्ली के बहादुरशाह जफर मार्ग पर स्थित AJL की बिल्डिंग,
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मुंबई के बांद्रा इलाके में एक कमर्शियल प्रॉपर्टी,
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और लखनऊ में स्थित संपत्तियाँ
को जब्त किया गया है। कुल मिलाकर इनकी कीमत 751.9 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जो आरोप लगाए हैं, वो काफी गंभीर हैं और सीधे तौर पर देश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार — गांधी परिवार से जुड़े हुए हैं। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि आखिर ईडी का इस केस में क्या-क्या आरोप है :
1. मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
ईडी का सबसे बड़ा आरोप है कि इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग यानी अवैध रूप से पैसे की लेन-देन की गई है।
यंग इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की हजारों करोड़ की संपत्ति पर कब्जा किया गया, और ये सब एक बेहद कम कीमत – सिर्फ 50 लाख रुपये में किया गया।
2. फर्जीवाड़े से संपत्ति हथियाने का आरोप
AJL के पास देशभर में कई शहरों में कीमती अचल संपत्तियाँ थीं।
ईडी का दावा है कि गांधी परिवार के पास 76% हिस्सेदारी वाली यंग इंडिया ने एक सुनियोजित योजना के तहत AJL की सारी संपत्तियों का मालिकाना हक ले लिया — बिना सही मार्केट वैल्यू दिए।
यानी, कम दाम में ज़बरदस्त मुनाफा कमाया गया, और यह पूरी प्रक्रिया कानूनी और पारदर्शी नहीं थी।
3. गांधी परिवार को हुआ व्यक्तिगत लाभ
ईडी के मुताबिक, इस सौदे से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को निजी तौर पर लाभ पहुंचा।
इस लाभ का कोई वैध आर्थिक आधार नहीं था और यह उनके राजनीतिक प्रभाव का गलत उपयोग माना जा रहा है।
4. इनकम टैक्स और PMLA कानूनों का उल्लंघन
ईडी का कहना है कि यंग इंडिया और AJL के बीच जो ट्रांजैक्शन हुए, वे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) और इनकम टैक्स कानूनों का उल्लंघन करते हैं।
इसलिए एजेंसी ने इन संस्थाओं की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
5. संपत्तियों का गैर-पत्रकारीय उपयोग
AJL को पत्रकारिता के उद्देश्य से जमीनें दी गई थीं।
ईडी का आरोप है कि इन जमीनों का उपयोग अब कमर्शियल उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है — जो कि नियमों के विरुद्ध है।
नेशनल हेराल्ड केस : कांग्रेस का विरोध

नेशनल हेराल्ड केस जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कांग्रेस पार्टी का विरोध भी तेज़ होता जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। आइए जानते हैं कांग्रेस के विरोध की प्रमुख बातें :
1. “राजनीतिक प्रतिशोध” का आरोप
कांग्रेस ने बार-बार यह आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और उसकी एजेंसियाँ ईडी का दुरुपयोग कर रही हैं।
पार्टी का कहना है कि जब-जब सरकार किसी मुद्दे पर घिरती है, तब-तब गांधी परिवार को निशाना बनाया जाता है।
कांग्रेस का बयान:
“यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। गांधी परिवार को डराने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।”
2. गांधी परिवार के समर्थन में कांग्रेस एकजुट
जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी के सामने पेश होना पड़ा, तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक सभी ने उनके समर्थन में मोर्चा खोल दिया।
दिल्ली से लेकर राज्यों तक कांग्रेस नेताओं ने ईडी दफ्तरों के बाहर प्रदर्शन किए और गिरफ्तारी दी।
📸 प्रदर्शन में शामिल कुछ बड़े नेता:
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मल्लिकार्जुन खड़गे
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प्रियंका गांधी वाड्रा
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अशोक गहलोत
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पवन खेड़ा
3. देशभर में कांग्रेस का आंदोलन

कांग्रेस ने इस कार्रवाई के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति अपनाई।
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जगह-जगह पर धरना, रैलियाँ और मार्च निकाले गए।
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कई शहरों में पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया।
इन प्रदर्शनों का उद्देश्य है :
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जनता को यह दिखाना कि गांधी परिवार को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है
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सरकार की ‘तानाशाही सोच’ को उजागर करना
4. मीडिया में कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने टीवी चैनलों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपना पक्ष जोरदार तरीके से रखा।
उनका कहना है कि यह मामला एक पुराने और बंद हो चुके अखबार की संपत्ति से जुड़ा है, जिसमें कोई आपराधिक गतिविधि नहीं हुई है।
5. कोर्ट में कांग्रेस का रुख
कांग्रेस ने साफ किया है कि वह कानूनी लड़ाई भी लड़ेगी और सड़क पर संघर्ष भी करेगी।
अगर जरूरत पड़ी तो पार्टी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने के लिए तैयार है।
Breaking News : नेशनल हेराल्ड केस में चार्जशीट दाखिल, 25 अप्रैल को संज्ञान लेगा कोर्ट, चार्जशीट में सैम पित्रोदा का भी नाम @chitraaum के साथ #ChitraTripathiOnABP @sushilemedia @MeghaSPrasad @AshishSinghLIVE #SoniaGandhi #Rahulgandhi #ED #NationalHeraldCase pic.twitter.com/0nYuOP68EP
— ABP News (@ABPNews) April 15, 2025
आगे क्या होगा ?
यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है। गांधी परिवार पहले भी इस मामले में ईडी के सामने पेश हो चुका है। अब सवाल यह उठता है कि आने वाले दिनों में क्या और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है ? क्या कांग्रेस इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी ?
आपको क्या लगता है अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में लिख के जरूर बताएं….
निष्कर्ष:
नेशनल हेराल्ड केस सिर्फ एक अखबार की कहानी नहीं है, बल्कि इसमें राजनीति, कानून, संपत्ति और सत्ता का बड़ा खेल कथित रूप से जुड़ा हुआ है। इस केस के फैसले का असर देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी और भविष्य की राजनीति पर भी पड़ सकता है।
कांग्रेस इस केस को केवल कानूनी नहीं, बल्कि लोकतंत्र और विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश मान रही है।
वह यह दिखाना चाहती है कि गांधी परिवार सिर्फ एक परिवार नहीं, बल्कि पार्टी की रीढ़ है, और यदि उन्हें निशाना बनाया गया, तो पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
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– टीम Know Your Duniya
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