Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2 क्या ये आखिरी मिशन है इथन हंट का ? फिल्म में टॉम क्रूज़ का जबरदस्त एक्शन – ट्रेलर ने मचाया तहलका !

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2

टॉम क्रूज़ की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Mission: Impossible – The Final Reckoning’ का ट्रेलर हाल ही में जारी किया गया है, जिसने दर्शकों के बीच उत्साह और जिज्ञासा बढ़ा दी है। यह फिल्म 23 मई, 2025 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली है और इसे ‘Mission: Impossible’ श्रृंखला की आठवीं और अंतिम कड़ी माना जा रहा है।

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2
Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2 क्या यह इथन हंट का आखिरी मिशन है ?

फिल्म के शीर्षक ‘The Final Reckoning’ से संकेत मिलता है कि यह इथन हंट के कारनामों की अंतिम कहानी हो सकती है। हालांकि, टॉम क्रूज़ की इस भूमिका के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को देखते हुए, यह कहना कठिन है कि यह वास्तव में उनका आखिरी मिशन होगा या नहीं। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रूज़ इस भूमिका को जारी रखने के इच्छुक हैं, जिससे संभावना है कि इथन हंट की कहानी आगे भी जारी रह सकती है।

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2 ट्रेलर में टॉम क्रूज़ का जबरदस्त एक्शन

ट्रेलर में टॉम क्रूज़ ने अपनी सीमाओं को पार करते हुए खतरनाक स्टंट्स किए हैं, जिनमें बिना किसी CGI के वास्तविक स्टंट शामिल हैं। इनमें एक विमान से लटकना और एक विमानवाहक पोत से कूदना जैसे दृश्य शामिल हैं, जो दर्शकों को रोमांचित कर देते हैं।

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2 कहानी की झलक

यह फिल्म ‘Dead Reckoning’ की कहानी को आगे बढ़ाती है, जिसमें इथन हंट और उनकी IMF टीम को ‘The Entity’ नामक एक खतरनाक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से दुनिया को बचाने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। इस मिशन में उन्हें एक रूसी पनडुब्बी से जुड़े रहस्यों को उजागर करना होता है।

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2
Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2
Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2 स्टार कास्ट

फिल्म में टॉम क्रूज़ के साथ हेले एटवेल, विंग रैम्स, साइमन पेग, वैनेसा किर्बी, पोम क्लेमेंटिफ़, हेनरी ज़ेर्नी, एंजेला बैसेट और रॉल्फ सैक्सन जैसे कलाकार नजर आएंगे। इसके अलावा, ट्रामेल टिलमैन और हन्ना वाडिंघम जैसे नए कलाकार भी इस कड़ी में शामिल हुए हैं।

https://www.aajtak.in/entertainment/hollywood/story/mission-impossible-dead-reckoning-part-2-trailer-tom-cruise-is-set-to-finish-his-final-mission-in-an-impossible-scenario-tmovj-dskc-2210700-2025-04-07

निष्कर्ष

‘Mission: Impossible – The Final Reckoning’ का ट्रेलर दर्शकों के बीच भारी उत्साह पैदा कर रहा है। टॉम क्रूज़ के अद्वितीय स्टंट्स और रोमांचक कहानी के साथ, यह फिल्म एक यादगार सिनेमाई अनुभव प्रदान करने का वादा करती है। क्या यह इथन हंट का अंतिम मिशन होगा या नहीं, यह जानने के लिए हमें 23 मई, 2025 का इंतजार करना होगा।

Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2
Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2
Poll: आपके क्या विचार हैं ?
  1. क्या यह इथन हंट का आखिरी मिशन होना चाहिए?

    ☐ हां, अब समय है विदाई का

    ☐ नहीं! हमें और मिशन चाहिए

    ☐ पता नहीं, कहानी पर निर्भर करेगा

  2. आप ट्रेलर को कितने स्टार देंगे?

    ☐ ⭐

    ☐ ⭐⭐

    ☐ ⭐⭐⭐

    ☐ ⭐⭐⭐⭐

    ☐ ⭐⭐⭐⭐⭐

  3. क्या आप यह फिल्म थिएटर में देखने जाएंगे?

    ☐ हां, पहला शो देखूंगा!

    ☐ शायद OTT पर देखूंगा

    ☐ नहीं, इंटरेस्ट नहीं है


Quiz: कितना जानते हैं आप Mission: Impossible के बारे में ?

Q1. टॉम क्रूज़ किस किरदार में नजर आते हैं?

☐ जेम्स बॉन्ड

☐ इथन हंट ✅

☐ जैक रिचर

☐ टोनी स्टार्क

Q2. ‘Mission: Impossible – Dead Reckoning Part 1’ किस साल आई थी?

☐ 2021

☐ 2022

☐ 2023 ✅

☐ 2024

Q3. IMF का फुल फॉर्म क्या है (फिल्म में)?

☐ International Money Force

☐ Impossible Mission Force ✅

☐ Intergalactic Mission Federation

☐ Intelligence Management Force

Q4. Mission: Impossible – Dead Reckoning part -2 का संभावित रिलीज़ डेट क्या है ?

☐ मार्च 2025

☐ अप्रैल 2025

23 मई 2025 ✅

☐ जून 2025


📢 Call to Action (CTA)

👉 आपका स्कोर कमेंट में ज़रूर बताएं! कौन सा सवाल सबसे मजेदार लगा ?

👉 अगर आप इथन हंट की टीम का हिस्सा होते, तो आपका कोड नेम क्या होता ? हमें  जरूर बताएं !

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Nasdaq-100 में रिकॉर्ड गिरावट: अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर ने बाजारों को हिलाया | 4 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट

Nasdaq-100

4 अप्रैल 2025 को अमेरिकी शेयर बाजार में एक ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली। Nasdaq-100 इंडेक्स में 6.07% की गिरावट दर्ज की गई और यह 17,397.70 पर बंद हुआ, जो कि पिछले दिन की तुलना में 1,123.78 अंक नीचे था। यह गिरावट Nasdaq को Bear Market (मंदी वाले बाजार) में ले गई, यानी हालिया ऊपरी स्तर से 20% या उससे ज्यादा की गिरावट।

Nasdaq-100
Nasdaq-100

Nasdaq-100 : गिरावट की बड़ी वजह “Liberation Day” टैरिफ नीति

Nasdaq-100

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 54% और यूरोप पर 20% आयात शुल्क (Tariffs) लगाने की घोषणा की। इसके जवाब में चीन ने भी 34% टैरिफ अमेरिका पर थोप दिए। इससे बाजारों में ये डर फैल गया कि यह तनाव लंबी मंदी (Recession) को जन्म दे सकता है।

प्रमुख इंडेक्स का हाल

इंडेक्स

गिरावट

बंद भाव

Nasdaq 100

-6.07%

17,397.70

Dow Jones

-5.5%

38,314.86

S&P 500

-6.0%

5,074.08

💰 केवल दो दिनों में वैश्विक मार्केट से $6 ट्रिलियन से अधिक की संपत्ति मिट गई।

Nasdaq-100 : गिरावट की वजह: अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर

ट्रंप टैरिफ डे’
ट्रंप टैरिफ डे’

इस भारी गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही अमेरिका और चीन के बीच तेज़ होता व्यापार युद्ध। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “Liberation Day” नीति के तहत चीन पर 54% और यूरोपीय यूनियन पर 20% का टैरिफ लगा दिया। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सभी उत्पादों पर 34% टैरिफ लागू कर दिया।

इस टकराव से वैश्विक बाजारों में डर का माहौल बन गया और निवेशकों ने तेजी से बिकवाली शुरू कर दी।


अन्य प्रमुख इंडेक्स पर असर

  • Dow Jones: लगभग 2,200 अंक गिरा, यानी 5.5% की गिरावट और 38,314.86 पर बंद हुआ।

  • S&P 500: 6% गिरकर 5,074.08 पर बंद हुआ – यह 11 महीनों का सबसे निचला स्तर है।

सिर्फ दो दिनों में ग्लोबल स्टॉक्स से $6 ट्रिलियन से ज्यादा का मूल्य मिट गया।


Nasdaq-100 : निवेशकों की चिंता और आर्थिक संकेत

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी कि ये भारी टैरिफ्स महंगाई और आर्थिक मंदी को बढ़ावा दे सकते हैं। हालांकि मार्च 2025 की जॉब रिपोर्ट में 228,000 नई नौकरियाँ जुड़ीं, लेकिन बाज़ार में मंदी की आशंका अब भी बनी हुई है। जेपी मॉर्गन जैसे संस्थानों ने वैश्विक मंदी की संभावना को 60% तक बढ़ा दिया है।


किन सेक्टरों को नुकसान और किन्हें फायदा?

  • टेक्नोलॉजी सेक्टर को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि Nasdaq-100 में टेक स्टॉक्स का वज़न ज़्यादा है।

  • वहीं कंज्यूमर स्टेपल्स जैसे सेक्टर्स, जो मंदी के समय में भी टिके रहते हैं, उन्होंने थोड़ी स्थिरता दिखाई।


निवेशकों के लिए सलाह
  1. पैनिक सेलिंग से बचें – बाजारों में गिरावट के बाद अक्सर तेज़ उछाल भी आता है।

  2. विविध निवेश (Diversification) रखें – एक ही सेक्टर या एसेट क्लास में सारा पैसा न लगाएं।

  3. डिफेंसिव सेक्टर और सुरक्षित निवेश जैसे गोल्ड या सरकारी बॉन्ड में कुछ हिस्सेदारी रखें।

  4. थोड़ी नकदी (Liquidity) भी बनाए रखें ताकि आगे मौके आने पर निवेश किया जा सके।

Nasdaq-100 :  किन कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान?

टेक कंपनियों को सबसे गहरी चोट लगी।

  • Nvidia – लगभग 16% गिरावट

  • Tesla – 12% से अधिक गिरावट

  • Micron – करीब 9% की गिरावट

Nasdaq-100 : कौन से सेक्टर रहे सुरक्षित?

जब टेक और ग्रोथ सेक्टर टूटते हैं, तब निवेशक रुख करते हैं डिफेंसिव सेक्टर्स की ओर।

  • कंज्यूमर स्टेपल्स, हेल्थकेयर, और गोल्ड जैसी संपत्तियों में निवेश बढ़ा।

  • बॉन्ड यील्ड में हल्की गिरावट देखी गई क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भागे।


Nasdaq-100 :  निवेशकों के लिए क्या सबक है?
  1. डर कर निवेश न बेचें – गिरावट के बाद अक्सर रिकवरी होती है।

  2. पोर्टफोलियो में विविधता रखें – सिर्फ टेक स्टॉक्स पर निर्भर न रहें।

  3. नकदी बनाकर रखें – मौके आने पर नई खरीदारी कर सकते हैं।

  4. Safe Haven एसेट्स – जैसे गोल्ड, गवर्नमेंट बॉन्ड पर विचार करें।


 निष्कर्ष: घबराइए मत, समझदारी से काम लीजिए

यह गिरावट याद दिलाती है कि शेयर बाजार सिर्फ आर्थिक आंकड़ों से नहीं, बल्कि राजनीतिक फैसलों और वैश्विक नीतियों से भी संचालित होता है।

लंबी अवधि के निवेशक के रूप में, डर से नहीं बल्कि रणनीति से सोचें


🖋 लेखक : KnowYourDuniya Team

भारत का भरोसेमंद AI और फाइनेंस समाचार स्रोत।


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Nvidia : शेयरों में भारी गिरावट, नई टैरिफ नीतियों और एनालिस्ट डाउनग्रेड के चलते नुकसान,7% तक लुढ़का

Nvidia

NVIDIA Corporation एक पूर्ण-स्टैक कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। कंपनी चुनौतीपूर्ण कम्प्यूटेशनल समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए त्वरित कंप्यूटिंग में लगी हुई है। कंपनी के खंडों में कम्प्यूट और नेटवर्किंग और ग्राफिक्स शामिल हैं। कम्प्यूट और नेटवर्किंग खंड में इसके डेटा सेंटर त्वरित कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समाधान और सॉफ़्टवेयर; नेटवर्किंग; ऑटोमोटिव प्लेटफ़ॉर्म और स्वायत्त और इलेक्ट्रिक वाहन समाधान;रोबोटिक्स और अन्य एम्बेडेड प्लेटफ़ॉर्म के लिए जेटसन और DGX क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएँ शामिल हैं।

Nvidia : शेयरों में अचानक गिरावट क्यों आई ?

Nvidia
Nvidia

अमेरिका की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी Nvidia के शेयरों में आज भारी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के पीछे दो मुख्य कारण सामने आए हैं – नई टैरिफ नीतियां और एनालिस्ट द्वारा शेयरों का डाउनग्रेड

Nvidia : नई टैरिफ नीतियों का असर

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की घोषणा की है। इस नई नीति के तहत चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप्स पर अतिरिक्त 10% टैक्स लगाया गया है। Nvidia जैसी कंपनियां, जो अपने उत्पादों के लिए इन देशों पर निर्भर हैं, इस निर्णय से बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।

टैरिफ का सीधा असर:

  1. निर्माण लागत में वृद्धि – टैरिफ बढ़ने के कारण Nvidia को अपने उत्पादों की लागत बढ़ानी होगी, जिससे लाभ में कमी आएगी।
  2. शेयरधारकों की चिंता – निवेशकों को यह डर है कि कंपनी की भविष्य की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।
  3. प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी – अन्य कंपनियां जो कम लागत में चिप्स बना रही हैं, Nvidia के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

एनालिस्ट डाउनग्रेड से भी दबाव

Nvidia
Nvidia

HSBC के वरिष्ठ विश्लेषक फ्रैंक ली ने Nvidia के शेयरों को “बाय” से “होल्ड” कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब निवेशकों को Nvidia के शेयर खरीदने के बजाय रोकने की सलाह दी जा रही है।

एनालिस्ट डाउनग्रेड के पीछे कारण

  1. AI GPU मार्केट में प्रतिस्पर्धा – AI आधारित चिप्स के बाजार में अब कई नए प्लेयर्स उतर चुके हैं, जिससे Nvidia की बाजार में पकड़ कमजोर हो सकती है।
  2. मांग में गिरावट – महामारी के बाद टेक इंडस्ट्री में भारी उछाल आया था, लेकिन अब यह धीमा पड़ रहा है।
  3. शेयर की ज्यादा कीमत – Nvidia के शेयर पहले ही काफी महंगे हो चुके हैं, जिससे निवेशकों को अब अन्य विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।

शेयर कितने गिरे ?

आज के कारोबारी सत्र में Nvidia के शेयरों में 5.7% की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट पिछले कुछ महीनों की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक मानी जा रही है। शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर यह गिरावट जारी रही, तो Nvidia की मार्केट वैल्यू पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

क्या Nvidia इस गिरावट से उबर पाएगी ?

हालांकि ये कंपनी अभी भी दुनिया की सबसे बड़ी AI चिप निर्माता कंपनियों में से एक है, लेकिन बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नई नीतियों के चलते इसकी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। कंपनी को अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत होगी, ताकि वह आने वाले समय में इन चुनौतियों से निपट सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कंपनी को अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विविधता लानी होगी, जिससे वह अन्य बाजारों में भी अपनी पकड़ बना सके। साथ ही, अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ता है, तो ऐसी टेक कंपनियों को बड़े झटके लग सकते हैं।

निवेशकों के लिए क्या है उचित ?

अगर आप इसमें निवेश किए हुए हैं, तो अभी घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर आप नए निवेशक हैं और इस गिरावट के कारण ये शेयर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो थोड़ा इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।

इस कंपनी  के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह कंपनी अभी भी टेक इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों में से एक है। आने वाले महीनों में इसकी स्थिति किस तरह बदलती है, यह बाजार की परिस्थितियों और कंपनी की रणनीति पर निर्भर करेगा।

आपको क्या लगता है? क्या ये कंपनी इस गिरावट से उबर पाएगी, या आने वाले समय में इसे और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!

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‘ट्रंप टैरिफ डे’: 2 अप्रैल से वैश्विक व्यापार पर असर,भारतीय निर्यातकों के लिए नई चुनौतियाँ

 

‘ट्रंप टैरिफ डे’: 2 अप्रैल से वैश्विक व्यापार पर असर,भारतीय निर्यातकों के लिए नई चुनौतियाँ

ट्रंप टैरिफ डे’

ट्रंप टैरिफ डे  : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित  tariff , 2 अप्रैल से प्रभावी हो गया है, जिससे वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ने की संभावना है। ट्रंप की इस नीति के तहत अमेरिका ने कई देशों, विशेष रूप से चीन, भारत और यूरोप से आयात होने वाले उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा दिया है। इस कदम से भारतीय निर्यातकों के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं।

ट्रंप टैरिफ डे’
ट्रंप टैरिफ डे’

क्या है ‘ट्रंप टैरिफ डे’?

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल (2017-2021) में ‘अमेरिका फर्स्ट‘ नीति को बढ़ावा देते हुए कई व्यापारिक प्रतिबंध लगाए थे। अब, उनकी नई रणनीति के तहत, अमेरिका उन देशों पर भारी टैरिफ लगा रहा है, जिनसे उसे व्यापार घाटा हो रहा है। इस नीति के प्रभाव में विशेष रूप से चीन, भारत और यूरोपीय संघ के उत्पाद प्रभावित हो सकते हैं।

ट्रंप टैरिफ डे : भारतीय अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव

भारत अमेरिका को फार्मा, टेक्सटाइल, ऑटो पार्ट्स और आईटी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर निर्यात करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका इन उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाता है, तो भारतीय निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो सकता है।

  • आईटी और फार्मा सेक्टर: अमेरिका भारतीय आईटी कंपनियों का प्रमुख बाजार है। अगर इस क्षेत्र में कोई नया टैरिफ लागू किया जाता है, तो भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ सकती है।
  • टेक्सटाइल और ऑटो सेक्टर: अमेरिका भारतीय टेक्सटाइल और ऑटो कंपोनेंट्स का एक बड़ा उपभोक्ता है। नए टैरिफ से इन उत्पादों की कीमत बढ़ सकती है, जिससे अमेरिकी बाजार में इनकी मांग प्रभावित होगी।

    ट्रंप टैरिफ डे
    ट्रंप टैरिफ डे

ट्रंप टैरिफ डे : वैश्विक व्यापार पर असर

विशेषज्ञों के अनुसार, ‘ट्रंप टैरिफ डे’ से वैश्विक व्यापार प्रणाली में अस्थिरता आ सकती है। पहले से ही चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध के चलते वैश्विक बाजार अस्थिर बना हुआ है, और इस नए टैरिफ से व्यापार संबंधों में और अधिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।

  1. अमेरिकी डेयरी पर यूरोपीय संघ से 50% tariff
  2. अमेरिकी चावल पर जापान से 700% tariff
  3. अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत से 100% tariff
  4. अमेरिकी मक्खन और पनीर पर कनाडा से लगभग 300% tariff

“ये टैरिफ अमेरिकी उत्पादों के लिए विदेशों में प्रतिस्पर्धा करना लगभग असंभव बना देते हैं और अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों को नुकसान पहुँचाते हैं,” लेविट ने कहा।

ट्रंप टैरिफ डे का शेयर बाज़ार पर असर : नहीं  झुका शेयर बाजार, खुलते ही सेंसेक्स 450 अंक उछला

मार्केट ओपन होने के साथ जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) करीब 450 अंक से ज्यादा उछल गया, तो वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी इंडेक्स (Nifty) ने भी ग्रीन जोन में कारोबार की शुरुआत की. इस बीच इंफोसिस (Infosys), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) से लेकर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) तक के शेयरों में तेजी देखने को मिली है।

ट्रंप टैरिफ डे
ट्रंप टैरिफ डे
ट्रंप टैरिफ डे : भारत की रणनीति क्या हो सकती है ?

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को निम्नलिखित रणनीतियों पर काम करने की जरूरत है:

  1. अन्य बाजारों का विस्तार: भारतीय निर्यातकों को अमेरिका के बजाय यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के नए बाजारों में विस्तार करना चाहिए।
  2. वैश्विक व्यापार समझौतों को मजबूत करना: भारत को बहुपक्षीय व्यापार समझौतों में अपनी भागीदारी बढ़ानी चाहिए।

स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देना: भारत को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी नीतियों के तहत स्वदेशी विनिर्माण को मजबूत करना होगा।

निष्कर्ष :

‘ट्रंप टैरिफ डे’ के लागू होने से भारतीय निर्यातकों और वैश्विक व्यापार को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत के लिए यह आवश्यक है कि वह अपनी व्यापार रणनीतियों को पुनः निर्धारित करे और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बने रहने के लिए नए उपाय अपनाए। आने वाले महीनों में इस नीति का वास्तविक प्रभाव स्पष्ट होगा, लेकिन फिलहाल यह भारत और अन्य देशों के व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

https://www.thehindu.com/news/international/trump-set-to-unleash-liberation-day-tariffs-that-could-trigger-global-trade-war/article69402450.ece

https://knowyourduniya.com/hal-%e2%82%b962700-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%97%e0%a4%be-%e0%a4%a1%e0%a5%80%e0%a4%b2-hal-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%89/

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– टीम Know Your Duniya

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मेगाक्वेक अलर्ट ! जापान में अगले 30 सालों में तबाही मचाने वाला भूकंप संभव ,क्या 2011 का इतिहास दोहराएगा खुद को ?

Q. What impact do you think Trump’s tariffs will have on US consumers?

मेगाक्वेक अलर्ट ! जापान में अगले 30 सालों में तबाही मचाने वाला भूकंप संभव ,क्या 2011 का इतिहास दोहराएगा खुद को ?

मेगाक्वेक अलर्ट ! जापान की भूगोलिक स्थिति ही कुछ ऐसी है, जहां भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। हाल ही में जापान सरकार द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट ने इस खतरे को और भी गंभीर बना दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 30 वर्षों के भीतर जापान में 8.0 से 9.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आ सकता है। यह चेतावनी 2011 में आए महाविनाशकारी भूकंप और सुनामी की भयावह यादों को ताजा कर रही है, जिसने हजारों लोगों की जान ले ली थी और भारी तबाही मचाई थी।

मेगाक्वेक अलर्ट
मेगाक्वेक अलर्ट

मेगाक्वेक अलर्ट : संभावना और भूकंप प्रभावित क्षेत्र

विशेषज्ञों के अनुसार, जापान के नानकाई ट्रफ क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल काफी तेज हो रही है, जिससे भविष्य में एक बड़े भूकंप की संभावना प्रबल हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में 70% से 80% संभावना है कि अगले 30 सालों में 8.0 से अधिक तीव्रता का भूकंप आ सकता है।

अगर यह भूकंप आया, तो इसका असर पूरे जापान पर पड़ेगा, खासतौर पर टोक्यो, ओसाका और नागोया जैसे घनी आबादी वाले शहरों पर। इतना ही नहीं, इस भूकंप के कारण सुनामी भी आ सकती है, जो तटीय इलाकों में तबाही मचा सकती है।

मेगाक्वेक अलर्ट
मेगाक्वेक अलर्ट

मेगाक्वेक अलर्ट : संभावित विनाश और खतरे

अगर जापान में यह मेगाक्वेक आता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:

  • सुनामी का खतरा: समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं, जो तटीय इलाकों को तहस-नहस कर सकती हैं।
  • भवनों और बुनियादी ढांचे को नुकसान: बड़ी संख्या में इमारतें गिर सकती हैं, पुल और सड़कें टूट सकती हैं।
  • जनहानि और विस्थापन: इस आपदा में हजारों लोगों की जान जा सकती है और लाखों लोग बेघर हो सकते हैं।
  • परमाणु संयंत्रों पर खतरा: 2011 में फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को जिस तरह नुकसान पहुंचा था, वैसे ही अन्य परमाणु संयंत्रों के लिए भी यह भूकंप खतरा बन सकता है।

मेगाक्वेक अलर्ट : क्या 2011 का इतिहास दोहराएगा खुद को ?

11 मार्च 2011 को जापान में 9.0 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसने सुनामी पैदा की और फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में भयानक तबाही मचाई थी। इस आपदा में करीब 15,000 लोग मारे गए थे और हजारों लोग लापता हो गए थे।

सरकार और वैज्ञानिकों की चिंता यह है कि क्या इतिहास खुद को दोहरा सकता है? इस सवाल का जवाब कोई नहीं जानता, लेकिन हाल के भूकंपीय गतिविधियों को देखते हुए, जापान के लिए यह एक गंभीर खतरा बना हुआ है।

मेगाक्वेक अलर्ट : जापान सरकार और जनता की तैयारियां

जापान सरकार ने इस संभावित आपदा से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  • भूकंप-रोधी इमारतों का निर्माण: नई तकनीकों से भवनों को भूकंपरोधी बनाया जा रहा है।
  • आपातकालीन योजनाएं: लोगों को सुरक्षित रखने के लिए निकासी मार्ग और आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
  • सुनामी से बचाव के उपाय: समुद्र तटों पर ऊंची दीवारें बनाई जा रही हैं, ताकि सुनामी के प्रभाव को कम किया जा सके।
  • जनजागरूकता अभियान: लोगों को सिखाया जा रहा है कि भूकंप के समय कैसे सुरक्षित रहें।

    मेगाक्वेक अलर्ट
    मेगाक्वेक अलर्ट
निष्कर्ष

जापान में मेगाक्वेक का खतरा वास्तविक है और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। सरकार और वैज्ञानिक इस आपदा से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आम जनता को भी सतर्क रहने और भूकंप के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

अगर यह भूकंप आता है, तो यह न केवल जापान बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय होगा। इस स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण बात यही होगी कि हम पहले से ही सतर्क रहें और सुरक्षित रहने के लिए उचित कदम उठाएं।

नोट: यह रिपोर्ट जापानी सरकारी एजेंसियों और विशेषज्ञों के शोध पर आधारित है। अधिक जानकारी और अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोतों का अनुसरण करें।

https://hindi.news18.com/news/knowledge/warning-of-megaquake-could-kill-300000-people-trigger-massive-tsunamis-devastation-on-earth-9142481.html

https://knowyourduniya.com/vaneck-semiconductor-etf-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%b0/

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EARTHQUAKE : म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप, कई देशों में महसूस किए गए झटके !

EARTHQUAKE : म्यांमार

EARTHQUAKE : शुक्रवार सुबह म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस भूकंप के झटके भारत, बांग्लादेश, चीन और थाईलैंड समेत कई देशों में महसूस किए गए।

EARTHQUAKE : म्यांमार
EARTHQUAKE : म्यांमार

EARTHQUAKE : भूकंप का केंद्र और असर

अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र म्यांमार के सागाइंग शहर से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में था और इसकी गहराई 10 किमी थी ।जिससे इसका प्रभाव और अधिक विनाशकारी हुआ।इसका असर भारत, बांग्लादेश, चीन और थाईलैंड समेत पांच देशों में महसूस किया गया। भारत में कोलकाता, इंफाल और मेघालय में झटके दर्ज किए गए।

आफ्टरशॉक्स का खतरा: विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 24 घंटों में और झटके आ सकते हैं

EARTHQUAKE : तबाही और जनहानि

म्यांमार में अब तक 13 लोगों की मौत, 200 से अधिक लोग घायल।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 30 मंजिला इमारत गिरी, 3 की मौत, 80 से अधिक लोग लापता।

कोलकाता, इंफाल और मेघालय में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, लेकिन किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं।

EARTHQUAKE : म्यांमार
EARTHQUAKE : म्यांमार

EARTHQUAKE : भूकंप से इमारतों को भारी नुकसान

भूकंप के कारण म्यांमार में ऐतिहासिक मांडले शाही महल का एक हिस्सा ढह गया। वहीं, इरावाडी नदी पर बना 51 साल पुराना पुल टूट गया।जिससे कई लोग घायल हुए हैं। बैंकॉक में कई ऊंची इमारतों में दरारें आ गईं, जिससे लोग घबराकर बाहर निकल आए।

EARTHQUAKE : म्यांमार
EARTHQUAKE : म्यांमार
EARTHQUAKE : आपातकाल घोषित, राहत कार्य जारी

थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने आपातकाल घोषित कर दिया है, और प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं । बैंकॉक में ऊंची इमारतों में रहने वाले लोग घबराकर बाहर निकल आए, और कई इमारतों में दरारें आ गईं।

क्या सुनामी का खतरा है ?

विशेषज्ञों का कहना है कि इस भूकंप के कारण सुनामी का खतरा नहीं है, लेकिन आने वाले दिनों में आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) आ सकते हैं।

आफ्टरशॉक्स (Aftershocks) का मतलब होता है मुख्य भूकंप के बाद आने वाले छोटे झटके

जब कोई बड़ा भूकंप आता है, तो ज़मीन की टेक्टोनिक प्लेट्स में हुआ बदलाव तुरंत स्थिर नहीं होता। इस वजह से कुछ घंटों, दिनों या हफ्तों तक छोटे-छोटे भूकंप (आफ्टरशॉक्स) आते रहते हैं। ये झटके मुख्य भूकंप की तुलना में कम तीव्र होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये भी नुकसान पहुँचा सकते हैं।

आफ्टरशॉक्स से जुड़ी कुछ अहम बातें:

  •  मुख्य भूकंप के बाद आते हैं
  •  इनकी तीव्रता कम होती है, लेकिन कई बार खतरनाक हो सकते हैं
  •  ये घंटों, दिनों, हफ्तों या महीनों तक आ सकते हैं
  •  सबसे ज्यादा आफ्टरशॉक्स भूकंप के पहले 24-48 घंटे में आते हैं

https://www.bbc.com/hindi/articles/cpq2q90d308o

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“Nowruz त्योहार : इतिहास, परंपराएँ और समूचे विश्वभर में इसका महत्व क्या है ?”21 मार्च का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे लोग !

Nouruz Festival

Nowruz, जिसे फारसी नववर्ष भी कहा जाता है, वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है ,यह फ़ारसी  धर्म का नव वर्ष  है जो की ईरान, अफगानिस्तान, मध्य एशिया और भारत में काफी धूम धाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है । यह प्राचीन ज़रथुस्त्र परंपराओं से जुड़ा हुआ त्योहार है, जिसमें हफ़्त सीन सजाने, पारंपरिक व्यंजन बनाने और परिवार के साथ समय बिताने जैसी खास रस्में निभाई जाती हैं। नौरोज़ हमें नई शुरुआत, सौहार्द्र और प्रकृति के प्रति सम्मान का संदेश देता है।

Nowruz त्योहार : फारसी नववर्ष का रंगारंग उत्सव

अनुक्रम (Table of Contents)

1. Nowruz त्योहार :  परिचय
2. Nowruz त्योहार :  नौरोज़ का ऐतिहासिक महत्व
3. Nowruz त्योहार :  नौरोज़ मनाने की परंपराएँ और रीति-रिवाज
4. Nowruz त्योहार :  नौरोज़ और ‘हफ़्त सीन’ की विशेषता
5. Nowruz त्योहार :   भारत और विश्व में नौरोज़ का उत्सव
6. Nowruz त्योहार :   नौरोज़ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
7. निष्कर्ष

1. परिचय

Nouruz Festival
Nouruz Festival

नौरोज़, जिसे फारसी नववर्ष भी कहा जाता है, मुख्य रूप से ईरान, अफगानिस्तान, अज़रबैजान, तुर्की, भारत और मध्य एशिया के अन्य देशों में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन के साथ जुड़ा हुआ है और इसे प्रकृति के पुनर्जन्म, नई ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। नौरोज़ का अर्थ “नया दिन” होता है, और यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 20 या 21 मार्च को पड़ता है।


2. नौरोज़ का ऐतिहासिक महत्व

Nowruz Festival
Nowruz Festival

नौरोज़ की शुरुआत ईरान के प्राचीन ज़रथुस्त्र धर्म से मानी जाती है, जिसे 3000 वर्षों से भी अधिक पुराना माना जाता है। इस त्योहार का उल्लेख प्राचीन फारसी ग्रंथों और ऐतिहासिक अभिलेखों में भी मिलता है। यह त्योहार पर्शियन साम्राज्य के समय से ही मनाया जाता रहा है और समय के साथ इसे विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों ने अपनाया।


3. नौरोज़ मनाने की परंपराएँ और रीति-रिवाज

Nowruz Festival
Nowruz Festival

नौरोज़ से पहले कई सप्ताह की तैयारियाँ की जाती हैं, जिनमें घरों की सफ़ाई, नए कपड़े खरीदना, पारंपरिक व्यंजन बनाना और प्रियजनों से मिलना शामिल होता है। नौरोज़ के दौरान लोग अपने घरों को फूलों और रंगीन सजावटों से सजाते हैं और अपने परिवारों के साथ विशेष भोज का आनंद लेते हैं। इस दिन को सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए लोग अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए विशेष अनुष्ठान भी करते हैं।


4. नौरोज़ और ‘हफ़्त सीन’ की विशेषता

Nowruz Festival
Nowruz Festival

नौरोज़ के सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक हफ़्त सीन (Haft-Seen) है। यह एक पारंपरिक मेज़ सजावट है जिसमें सात महत्वपूर्ण चीजें रखी जाती हैं, जो सभी “स” अक्षर से शुरू होती हैं और जिनका विशेष प्रतीकात्मक महत्व होता है:

1.सब्ज़े (Sabzeh) – अंकुरित अनाज, जो जीवन और पुनर्जन्म का प्रतीक है।

2.सेब (Sib) – सौंदर्य और स्वास्थ्य का प्रतीक।

3.सेर (Sir) – लहसुन, जो दवा और सुरक्षा का प्रतीक है।

4.सेन्कद (Senjed) – सूखे मेवे, जो प्रेम और शक्ति दर्शाते हैं।

5.सुमाक (Somāq) – लाल मसाला, जो सूर्योदय और धैर्य का प्रतीक है।

6.सिरका (Serkeh) – धैर्य और वृद्धावस्था का प्रतीक।

7.सामनू (Samanu) – मीठा व्यंजन, जो शक्ति और उर्वरता दर्शाता है।

इसके अलावा, हफ़्त सीन की मेज़ पर एक आईना, रंगीन अंडे, मोमबत्तियाँ और एक सुनहरी मछली भी रखी जाती है, जो जीवन और प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती हैं।


5. भारत और विश्व में नौरोज़ का उत्सव

Nowruz Festival
Nowruz Festival

भारत में नौरोज़ मुख्य रूप से पारसी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह दो बार मनाया जाता है – एक बार ईरानी कैलेंडर के अनुसार मार्च में और दूसरा जुलाई-अगस्त में पारसी समुदाय के शहंशाही कैलेंडर के अनुसार। मुंबई और गुजरात के पारसी समुदाय इस दिन विशेष प्रार्थनाएँ करते हैं और पारंपरिक व्यंजन तैयार करते हैं।

अन्य देशों में नौरोज़ को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। यूनेस्को ने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है, और संयुक्त राष्ट्र ने 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय नौरोज़ दिवस के रूप में घोषित किया है।


6. Nowruz  का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

नौरोज़ केवल एक नया साल मनाने का पर्व नहीं है, बल्कि यह एक नई शुरुआत, आत्मशुद्धि और सामाजिक सद्भाव का संदेश भी देता है। यह त्योहार हमें सिखाता है कि जीवन में नवीनीकरण और परिवर्तन आवश्यक हैं और हमें अपने आस-पास की प्रकृति और समाज के प्रति संवेदनशील बने रहना चाहिए।


7. निष्कर्ष

नौरोज़ केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है। यह हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाने, परिवार और समाज के साथ जुड़े रहने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देता है। भारत जैसे विविधता भरे देश में इस तरह के त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध करते हैं।

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SOXX : Artificial Intelligence , सेमीकंडक्टर इंडेक्स में UNSTOPPABLE रिटर्न देने वाला ETF, 22% रिटर्न ,kya आपने किया निवेश

“पानी: पानी और मानवता के मूल्य की खोज करने वाली एक सिनेमाई उत्कृष्ट कृति”imdb 8.5

 


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SOXX : Artificial Intelligence के क्षेत्र में  दुनिया की बेहतरीन 30 कंपनियों में इन्वेस्ट करने वाली ये बेहतरीन ETF है जो की निवेश का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है ।

SOXX : Artificial Intelligence आखिर है क्या ?

SOXX : Artificial Intelligence के कम्पनीज में इन्वेस्ट करने वाली एक ETF है जो की अमेरिकी स्टॉक मार्किट और कुछ अन्य देश के टेक शेयर में इन्वेस्ट करती है । विश्लेषकों के अनुसार अगले 5 वर्षों में आर्टिफीसियल इंडेक्स का रिटर्न करीब 30 % के CAGR से मिलने की उम्मीद है ।

SOXX: Artificial Intelligence
SOXX: Artificial Intelligence

SOXX : Artificial Intelligence के ETF की खास बातें क्या है ?

 SOXX : Artificial Intelligence, iShares Semiconductor ETF
 (NASDAQ:SOXX) एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) है,जिसमें  30 शीर्ष हार्डवेयर 
 स्टॉक का पोर्टफोलियो है।यह वर्तमान में अपने रिकॉर्ड उच्च से 21% नीचे है,जो निवेशकों
 को इसे छूट पर खरीदने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है।
 iShares Semiconductor ETF का फोकस बहुत ही संकीर्ण है, जो इसकी होल्डिंग्स
 की छोटी संख्या से पता चलता है। यह विशेष रूप से उन अमेरिकी कंपनियों में निवेश करता
 है जो चिप्स डिजाइन, निर्माण और वितरण करती हैं, लेकिन विशेष रूप से वे जो AI जैसे
 शक्तिशाली रुझानों से लाभान्वित होंगी।

SOXX : Artificial Intelligence के क्षेत्र की iShares Semiconductor ETF(NASDAQ:SOXX) के क्या है constituents ?

SOXX: Artificial Intelligence ETF stocks name
SOXX: Artificial Intelligence,holdings

SOXX : Artificial Intelligence के क्षेत्र की ये iShares Semiconductor ETF
(NASDAQ:SOXX) के टॉप कम्पनीज के नाम ऊपर लिस्ट में दे दिए गए हैं, चिप बनाने वाली
दुनिया की अग्रणी कंपनियां हैं .Top की 5 कम्पनीज का weightage करीब 35% है। जो की
अच्छी बात है .

SOXX : Artificial Intelligence के क्षेत्र की iShares Semiconductor ETF(NASDAQ:SOXX) का कैसा रहा है अब तक का performance ?

SOXX: Artificial Intelligence ETF performance
SOXX: Artificial Intelligence ETF performance

SOXX : Artificial Intelligence के क्षेत्र की iShares Semiconductor ETF(NASDAQ:SOXX) ने पिछले एक साल में लगभग 13 %, और पिछले 5 सालों में करीब 22% का रिटर्न दिया है । ये ETF  करीब 30% के रेट से अगले 5 साल तक रिटर्न दे सकती है ऐसा विश्लेषकों का अनुमान है ।NVIDIA इस ETF  की एक प्रमुख कंपनी है जिसकी निम्न विशेषता है :

  1. NVIDIA डेटा सेंटरों के लिए सबसे उन्नत ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) डिजाइन करता है, जो एआई मॉडल विकसित करने के लिए हार्डवेयर का प्रमुख हिस्सा है।
  2. कंपनी ने हाल ही में अपने वित्तीय वर्ष 2025 के वित्तीय परिणामों की घोषणा की, और
    इसने कुल राजस्व में रिकॉर्ड 130.5 बिलियन डॉलर का योगदान दिया, जो पिछले वर्ष
    की तुलना में 114% की वृद्धि थी।
  3. मांग में निकट भविष्य में कमी आने की संभावना नहीं है, क्योंकि सीईओ जेन्सन हुआंग का कहना है कि नए एआई मॉडल जो तर्क करने (या “सोचने”) में सक्षम हैं, उन्हें पिछली पीढ़ियों की तुलना में 100 गुना अधिक कंप्यूटिंग की आवश्यकता हो सकती है।

SOXX : Artificial Intelligence के क्षेत्र की iShares Semiconductor ETF(NASDAQ:SOXX) कितना टुटा है अब तक ?

SOXX: Artificial Intelligence ETF performance
SOXX: Artificial Intelligence ETF performance

पिछले एक महीने में ये ETF करीब 12% टूट चूका है । इस गिरे हुए वैल्यूएशन पर इसमें निवेश की बातों पर अब विश्लेषक कुछ ज्यादा ही चर्चा करने लगे हैं। आने वाला भविष्य Artificial Intelligence का ही है, ये तो सर्व विदित है पर इसमें निवेश करने से पहले अच्छी तरह से सोच विचार कर और अपने फाइनेंसियल सलाहकार से सलाह लेकर है करें । इस ETF में एक और बड़ी कंपनी की हिस्सेदारी है , जिसका  नाम है ,TMSC.TSMC का कॉन्ट्रैक्ट चिप निर्माण उद्योग पर दबदबा है। यह दुनिया में मौजूद आधे से ज़्यादा थर्ड-पार्टी चिप्स और लगभग 90% एडवांस्ड चिप्स बनाती है। इस कंपनी का पूरा नाम है,Taiwan Semiconductor Manufacturing Company. ये कंपनी ताइवान की सबसे बड़ी चिप बनाने वाली कंपनी है , जो की विश्व में अपने क्षेत्र की सबसे अग्रणी कंपनियों में से एक है ।

इस कंपनी के बारे में और जानकारी ऊपर दिए हुए वीडियो से और निचे दिए हुए लिंक से भी प्राप्त किया जा सकता है

http://inance.yahoo.com/news/best-tech-etf-buy-2-092600940.html

https://www.ishares.com/us/products/239705/ishares-phlx-semiconductor-etf

चेतावनी : ऊपर दिए गए तथ्य केवल जानकारी के लिए है, निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से मदद लें , निवेश में किसी प्रकार के नुकसान के लिए knowyourduniya.com की टीम जवाबदेह नहीं होगी ।

और भी पढ़ें :

  1. https://knowyourduniya.com/sunita-williams-return-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%b8-9-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a5%80%e0%a4%a8/
  2. https://knowyourduniya.com/category/technology/

 

Sunita Williams Return : सुनीता विलियम्स 9 महीने बाद अंतरिक्ष से लौटीं, स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से सुरक्षित लैंडिंग!

Sunita Williams Return

Sunita Williams Return : नासा की प्रसिद्ध भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर ने 286 दिनों के लंबे अंतरिक्ष मिशन के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी की। स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल के जरिए वे मैक्सिको की खाड़ी में फ्लोरिडा के तट के पास सुरक्षित लैंड हुए। यह मिशन पहले मात्र 8 दिनों का होना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण यह लगभग 9 महीनों तक चला।

Sunita Williams Return : मिशन की शुरुआत और चुनौतियां

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन स्टारलाइनर के प्रणोदन प्रणाली में कई तकनीकी खराबियां सामने आईं, जिसके चलते उनकी वापसी टलती रही। नासा ने अंततः उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन का सहारा लिया।

Sunita Williams Return : वापसी के बाद स्वास्थ्य परीक्षण

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण, शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं, जैसे –

  • हड्डियों की घनत्व में कमी
  • मांसपेशियों की कमजोरी
  • शरीर के तरल पदार्थों में असंतुलन
  • दृष्टि पर प्रभाव

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहना, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गुरुत्वाकर्षण के प्रतिरोध के बिना, अंतरिक्ष यात्रियों को हर महीने लगभग 1-2% हड्डियों के घनत्व का नुकसान होता है। साथ ही, मांसपेशियों में भी कमजोरी आती है, खासकर पैरों, धड़ और यहां तक कि हृदय में भी।

इन प्रभावों को कम करने के लिए, ISS पर अंतरिक्ष यात्री हर दिन व्यायाम करते हैं। हालांकि, कुछ नुकसान होना लाज़मी है। अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी ताकत वापस पाने के लिए पृथ्वी पर लौटने के बाद महीनों तक पुनर्वास की आवश्यकता होती है।

माइक्रो ग्रेविटी में, हृदय को कम काम करना पड़ता है क्योंकि उसे गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ रक्त पंप करने की आवश्यकता नहीं होती है। रक्त का वितरण बदल जाता है, जिससे चेहरा फूला हुआ और पैर पतले हो जाते हैं। तरल पदार्थ सिर में जमा हो जाते हैं, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को ऐसा महसूस होता है जैसे उन्हें लगातार सर्दी है। रक्त संचार में इन बदलावों से खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।

जिससे आंख के आकार में बदलाव होता है। इस स्थिति को स्पेसफ्लाइट-एसोसिएटेड न्यूरो-ओकुलर सिंड्रोम (SANS) के रूप में जाना जाता है। इससे धुंधली दृष्टि हो सकती है, और कुछ मामलों में, अंतरिक्ष यात्रियों को स्थायी रूप से चश्मा पहनने की आवश्यकता हो सकती है। पृथ्वी के सुरक्षात्मक वातावरण और चुंबकीय क्षेत्र के बिना, अंतरिक्ष यात्री उच्च स्तर के कॉस्मिक विकिरण के संपर्क में आते हैं, जिससे उन्हें कैंसर और तंत्रिका संबंधी विकारों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

इसलिए, नासा के वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स और उनके साथियों का गहन चिकित्सा परीक्षण कर रहे हैं ताकि वे जल्द से जल्द पृथ्वी के वातावरण के अनुकूल हो सकें।

Sunita Williams Return
Sunita Williams Return

Sunita Williams Return : सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष में शानदार करियर

  •  सुनीता विलियम्स दो बार अंतरिक्ष में जा चुकी हैं।
  •  उन्होंने अब तक 321 दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं।
  •  अंतरिक्ष में 50 घंटे से ज्यादा का स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड बनाया है

उनकी यह वापसी न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अंतरिक्ष यात्राओं की जटिलताओं और भविष्य की चुनौतियों को भी दर्शाती है।

Sunita Williams Return
Sunita Williams Return

Sunita Williams Return : अंतरिक्ष की खोज में एक और कदम

नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए यह मिशन एक महत्वपूर्ण सबक है। भविष्य में मंगल और चंद्रमा मिशनों के लिए इस अनुभव का उपयोग किया जाएगा।

सुनीता विलियम्स ने अपनी बहादुरी और धैर्य से एक बार फिर अंतरिक्ष की दुनिया में अपनी अहम भूमिका साबित की है।

Sunita Williams Return
Sunita Williams Return

Sunita Williams Return : भविष्य की संभावनाएं और नासा की योजना

नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इस मिशन से मिले अनुभव का उपयोग कर रही हैं, ताकि भविष्य में अंतरिक्ष यात्राएं को  और अधिक सुरक्षित और सफल बनाई जा सकें।

सुनीता विलियम्स की यह वापसी उनके साहस, धैर्य और समर्पण का प्रमाण है। उनकी यह उपलब्धि भारत और पूरी दुनिया के लिए गर्व की बात है। उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें आज अंतरिक्ष जगत की एक बड़ी हस्ती बना दिया है।

Sunita Williams Return : स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से सुरक्षित लैंडिंग !

स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के तट के पास मैक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित रूप से उतरा, जिसमें सुनीता विलियम्स, बुच विलमोर, नासा के निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव सवार थे। उतरने के बाद, सभी अंतरिक्ष यात्रियों को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया गया। ड्रैगन अंतरिक्ष यान के कैप्सूल ने भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3.27 बजे फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में स्पलैशडाउन किया।

Sunita Williams Return
Sunita Williams Return

 

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 – टीम Know Your Duniya

Unbelievable! हूती विद्रोही पर Donald Trump का हमला , अमेरिका की साहसिक कार्रवाई ने यमन को बताई उसकी औकात ! किया एयर स्ट्राइक… 24 लोगों की मौत

हूती

Unbelievable! Donald ट्रम्प की साहसिक कार्रवाई,हूती विद्रोहियों को कहा, “अगर अमेरिका को धमकी दी, तो अमेरिका आपको पूरी तरह से जवाबदेह ठहराएगा और हम इसका करारा जवाब देंगे “

शनिवार, 15 मार्च 2025 को,  डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ सैन्य हमले किए गए। इन हमलों में कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 13 नागरिक शामिल हैं, और कई अन्य घायल हुए हैं।

आखिर कौन है हूती विद्रोही ?Donald Trump ने क्यों करवाया हवाई attack ?

हूती
हूती

हूती विद्रोही (Houthi Rebels), जिन्हें अंसार अल्लाह (Ansar Allah) भी कहा जाता है, यमन में सक्रिय एक शिया मुस्लिम विद्रोही संगठन है। यह समूह मुख्य रूप से ज़ैदी शिया मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो यमन की कुल आबादी का लगभग 35-40% हिस्सा हैं।

हूती विद्रोहियों की उत्पत्ति और इतिहास:

  1. 1980 के दशक में यमन के उत्तरी हिस्से में ज़ैदी शियाओं के बीच धार्मिक और राजनीतिक असंतोष बढ़ा।
  2. 1990 के दशक में यमन की सरकार और सऊदी अरब से असहमति के कारण यह असंतोष एक आंदोलन में बदल गया।
  3. 2004 में संगठन के नेता हुसैन बदर अल-दीन अल-हूती की हत्या के बाद, यह आंदोलन और उग्र हो गया और इसे “हूती विद्रोह” कहा जाने लगा।
  4. 2014-2015 में हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्ज़ा कर लिया और सरकार को बाहर कर दिया।

हूती विद्रोहियों का मकसद

  1. यमन में अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित करना।
  2. सऊदी अरब और अमेरिका के प्रभाव को कम करना।
  3. खुद को एक स्वतंत्र राजनीतिक और सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करना।
हूती विद्रोहियों को समर्थन कौन देता है ?

हूती विद्रोहियों को मुख्य रूप से ईरान का समर्थन प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि ईरान उन्हें हथियार, पैसा और ट्रेनिंग प्रदान करता है, हालांकि ईरान आधिकारिक तौर पर इसका खंडन करता है।

हूती विद्रोहियों और अमेरिका-सऊदी अरब के बीच टकराव:

2015 में सऊदी अरब ने हूतियों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देश शामिल थे।

•हूती विद्रोही सऊदी अरब, अमेरिका और पश्चिमी देशों के जहाजों और ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं।

2023 से हूती विद्रोही रेड सी (लाल सागर) में शिपिंग पर हमले कर रहे हैं, जिससे अमेरिका और पश्चिमी देशों ने उन पर जवाबी हमले किए हैं।

हूती विद्रोहियों का वर्तमान स्थिति:

वर्तमान में, हूती विद्रोही यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं और वे सऊदी गठबंधन एवं अमेरिका से लड़ाई कर रहे हैं। उनके खिलाफ अमेरिकी हमले इस क्षेत्र में संघर्ष को और भड़का सकते हैं।

Donald Trump  द्वारा हूती विद्रोहियों पर किये गए हमले का कारण :
हूती
Donald Trump attack

 डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले का आदेश इसलिए दिया, क्योंकि हूती विद्रोही लाल सागर में अमेरिकी और अन्य देशों के जहाजों पर हमले कर रहे थे, जिससे वैश्विक वाणिज्य और नौवहन की स्वतंत्रता प्रभावित हो रही थी।

Donald Trump
Donald Trump

 डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हूती ने समूचे दुनिया के व्यापारिक जहाजों  , विमानों और ड्रोन के खिलाफ़ समुद्री डकैती, हिंसा और आतंकवाद का निरंतर अभियान चलाया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।इसके अलावा,  डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को भी चेतावनी दी कि वह हूती विद्रोहियों का समर्थन बंद करे, अन्यथा उसे उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे ।

इन हमलों का उद्देश्य वैश्विक  जलमार्गों, वायु और नौसैनिक संपत्तियों की रक्षा करना और नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करना था। साना के निवासियों के अनुसार, हमलों में हूती विद्रोहियों के गढ़ में एक इमारत को निशाना बनाया गया, जिससे पूरे मोहल्ले में जोरदार धमाके महसूस किए गए।हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 से अब तक शिपिंग पर 100 से अधिक हमले किए हैं, जिससे वैश्विक शिपिंग बाधित हुई है।इन हमलों के बाद, हूती प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सेना जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

https://www.aajtak.in/world/story/us-donald-trump-launches-strikes-on-yemens-houthis-many-civilians-killed-attack-report-ntc-dskc-2190979-2025-03-16

https://www.aljazeera.com/news/liveblog/2025/3/16/live-us-bombs-yemen-killing-13-after-houthis-pause-attacks-on-israel

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