Indian stock market : उछाल ! सेंसेक्स 1,400 अंक चढ़ा, निवेशकों में ख़ुशी की लहर

Indian stock market :आज, 11 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में जारी अनिश्चितता और अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ हैं।

Indian stock market
Indian stock market

Indian stock market : प्रमुख घटनाएं

Indian stock market
Indian stock market

सेंसेक्स लगभग 1,400 अंक बढ़कर  75,100 पर ट्रेड कर रहा है , जबकि निफ्टी 50 ,436 अंक चढ़कर 22834 पर ट्रेड कर रहा है ।

मेटल सेक्टर में सबसे अधिक बढ़त देखी गई, जिसमें टाटा स्टील, JSW स्टील और हिंडाल्को जैसे शेयरों में 5 से 7% तक की की उछाल आई। 

आईटी और फार्मा सेक्टर भी उछाल में ट्रेड कर रहे, जिसमें TCS, Infosys और HCL Tech के शेयरों में 3-5% तक की बढ़त दर्ज की गई। 

बैंकिंग सेक्टर में मिश्रित रुझान देखने को मिला, जहां कुछ बैंक शेयरों में हल्की बढ़त रही, जबकि अन्य में बहुत अच्छी बढ़त देखी जा रही है ।

Nifty 50 भारत में एक प्रसिद्ध शेयर बाजार सूचकांक है जो देश की शीर्ष 50 सूचीबद्ध Companies के प्रदर्शन के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) द्वारा 1996 में लॉन्च किया गया यह सूचकांक समग्र बाजार भावना को दर्शाता है और भारतीय इक्विटी बाजार के प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करता है।

Nifty 50 indexnse में वित्त, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों के 50 सक्रिय रूप से कारोबार वाले स्टॉक शामिल हैं। इन शेयरों का चयन उनकी तरलता, बाजार पूंजीकरण और समग्र बाजार पर प्रभाव के आधार पर सावधानीपूर्वक किया जाता है।

Indian stock market : वैश्विक कारक 

Indian stock market
Indian stock market

वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा से वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों में बेचैनी है।

कमजोर तिमाही परिणाम: कई प्रमुख कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणामों ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है, जिससे निवेशकों ने बिकवाली की।

अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका: अमेरिका में बेरोजगारी दावों में वृद्धि और आर्थिक सुस्ती की संभावनाओं ने वैश्विक बाजारों पर दबाव डाला है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।

Indian stock market : सेक्टोरल प्रदर्शन

  • वित्तीय क्षेत्र: एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में 2% से अधिक की वृद्धि देखी गई, जिससे इस क्षेत्र में मजबूती आई।

  • मेटल सेक्टर: टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3.9% से 4.2% तक की बढ़त हुई, जिसका श्रेय डॉलर की कमजोरी और टैरिफ राहत को दिया जा सकता है।

     

Indian stock market : प्रमुख सूचकांकों का प्रदर्शन
  • सेंसेक्स: 1.68% की वृद्धि के साथ 75,084.98 अंक पर बंद हुआ।

  • निफ्टी 50: 1.78% बढ़कर 22,798.2 अंक पर पहुंचा।

इस तेजी का मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नए टैरिफ को अस्थायी रूप से स्थगित करना है, जिससे बाजार में सकारात्मकता आई। 

Indian stock market : टॉप 10 शेयर में बढ़त इस प्रकार है ।
Indian stock market
Indian stock market
 

Indian stock market : बाजार पर प्रभाव डालने वाले कारक
  1. अमेरिकी टैरिफ में राहत: अमेरिका द्वारा टैरिफ में अस्थायी राहत देने से वैश्विक व्यापार तनाव में कमी आई, जिससे निवेशकों की धारणा में सुधार हुआ।

  2. वैश्विक व्यापार तनाव: हालांकि अमेरिकी-चीन व्यापार तनाव जारी है, लेकिन टैरिफ राहत से बाजार को थोड़ी राहत मिली है।

  3. कंपनियों के तिमाही परिणाम: कुछ कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणामों, जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, ने बाजार की समग्र वृद्धि को सीमित किया।


Indian stock market : निवेशकों के लिए सुझाव

लंबी अवधि के निवेशक: गिरावट के इस दौर में गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करना एक अच्छा अवसर हो सकता है।

नवीन निवेशक: बाजार की मौजूदा स्थिति को समझते हुए, विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही निवेश निर्णय लें।

ऐसी ही और टेक न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

– टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े – –

DOW जोन्स : भारी गिरावट 1,600 अंकों की कमी के साथ वैश्विक बाजारों में हलचल, नैस्डैक भालू बाजार में प्रवेश किया !

Studio Ghibli : AI क्रांति ! अब ChatGPT से बना सकते हैं 100+ Ghibli जादुई इमेज!

 

DOW जोन्स : भारी गिरावट 1,600 अंकों की कमी के साथ वैश्विक बाजारों में हलचल, नैस्डैक भालू बाजार में प्रवेश किया !

DOW जोन्स

DOW जोन्स : अमेरिकी शेयर बाजार में हाल ही में भारी गिरावट देखी गई है, जिससे वैश्विक निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में लगभग 1,600 अंकों की कमी आई है, जबकि नैस्डैक कंपोजिट आधिकारिक तौर पर भालू बाजार (bear market) में प्रवेश कर चुका है। इन घटनाओं ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ा दी है और आर्थिक मंदी की आशंकाओं को जन्म दिया है।

DOW जोन्स
DOW जोन्स

DOW जोन्स : गिरावट के प्रमुख कारण

ट्रम्प प्रशासन की टैरिफ नीतियाँ: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में लगभग 90 देशों से आयातित वस्तुओं पर व्यापक टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसमें चीन, यूरोपीय संघ, जापान और वियतनाम से आयात पर विशेष रूप से उच्च शुल्क शामिल हैं। इन टैरिफ्स के परिणामस्वरूप, डॉव जोन्स में दो दिनों में 3,910 अंकों की गिरावट आई है, और एसएंडपी 500 तथा नैस्डैक में लगभग 6% की कमी दर्ज की गई है।

वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका: इन टैरिफ्स के जवाब में, चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 34% का प्रतिशोधी शुल्क लगाया है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावना बढ़ गई है। निवेशकों को चिंता है कि इन उपायों से वैश्विक आर्थिक मंदी हो सकती है।

ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया है कि वे ब्याज दरों में वृद्धि जारी रख सकते हैं, जिससे निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और बाजार में बिकवाली बढ़ी है।

चीन की प्रतिशोधी कार्रवाई: चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर 34% का प्रतिशोधी शुल्क लगाया है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है। निवेशकों को चिंता है कि इन उपायों से वैश्विक आर्थिक मंदी हो सकती है।

 

DOW जोन्स : बाजार पर प्रभाव

1. प्रमुख सूचकांकों में गिरावट: डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1,600 अंकों की गिरावट आई है, जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक कंपोजिट में भी महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है।

2. तकनीकी और विकासशील शेयरों पर प्रभाव: निवेशकों ने जोखिम भरे परिसंपत्तियों से दूरी बनानी शुरू कर दी है, जिससे तकनीकी और विकासशील कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। उदाहरण के लिए, एनवीडिया और पेलंटिर जैसी कंपनियों के शेयरों में तेज़ी से कमी आई है।

3. बॉन्ड यील्ड में परिवर्तन: बॉन्ड यील्ड्स में गिरावट देखी गई है, जिससे निवेशकों की जोखिम से बचने की प्रवृत्ति स्पष्ट होती है।

DOW जोन्स
DOW जोन्स

DOW जोन्स : विशेषज्ञों की राय

वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि टैरिफ्स और प्रतिशोधी उपाय जारी रहते हैं, तो अमेरिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है। जेपी मॉर्गन ने अमेरिकी मंदी की संभावना को बढ़ाकर 60% कर दिया है।

DOW जोन्स : निवेशकों के लिए सलाह
  • सतर्कता बरतें: वर्तमान बाजार की अस्थिरता को देखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने और निवेश निर्णयों में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

  • विविधीकरण: अपने पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखें ताकि जोखिम को कम किया जा सके।

  • दीर्घकालिक दृष्टिकोण: अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से घबराने के बजाय, दीर्घकालिक निवेश लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।

    DOW जोन्स: इंडेक्स के टॉप लूजर

    शेयर कीमत गिरावट
    नाईकी 53.62 डॉलर -6.21%
    एपल 177.71 डॉलर -5.68%
    होम डीपो 335.80 डॉलर -5.07%
    इंटेल 19.02 डॉलर -4.52%
    ट्रेवर्ल्स कंपनीज 232.25 डॉलर -4.27%
    निष्कर्ष

    डॉव जोन्स और नैस्डैक में हालिया गिरावट ने वैश्विक बाजारों में चिंता बढ़ा दी है। टैरिफ्स, व्यापार युद्ध की आशंका, और ब्याज दरों में संभावित वृद्धि जैसे कारकों ने इस गिरावट में योगदान दिया है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें, अपने पोर्टफोलियो में विविधता रखें, और दीर्घकालिक निवेश रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करें।

    https://www.timesnowhindi.com/business/wall-street-crash-s-and-p-500-in-bear-market-dow-plunges-1300-pts-global-sell-off-article-151365995

 

ऐसी ही और टेक न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

– टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े – –

निफ़्टी-50 में ऐसा भूचाल जिसने उड़ा दी निवेशकों की नींद , जानिये सबसे महत्वपूर्ण कारण !

बोकारो : बोकारो में विस्थापितों और CISF के बीच झड़प, लाठीचार्ज में 1 व्यक्ति की मौत

निफ़्टी-50 में ऐसा भूचाल जिसने उड़ा दी निवेशकों की नींद , जानिये सबसे महत्वपूर्ण कारण !

निफ़्टी-50

निफ़्टी-50 :आज भारतीय शेयर बाजार का ऐसा भूचाल आया जिसने निवेशकों की नींद उड़ा दी। देश के दो प्रमुख इंडेक्स – सेंसेक्स और निफ़्टी -50 – दोनों में तेज गिरावट देखने को मिली। सिर्फ एक दिन में निवेशकों के करीब 13 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इस गिरावट ने न सिर्फ बाजार को हिलाया, बल्कि छोटे और मझोले निवेशकों के बीच चिंता की लहर भी दौड़ा दी है।

निफ़्टी-50
निफ़्टी-50

निफ़्टी-50 : क्या है यह ?

निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है। निफ्टी दो शब्दों को मिला कर बना है; नेशनल और फिफ्टी । निफ्टी शब्द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सर्वोच्च पचास शेयरों पर आधारित है। निफ्टी की आधार वर्ष 1995 के रूप में लिया जाता है और मूल मान 1000 पर सेट होता है।

आप Nifty में इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। ये फंड्स उन स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो Nifty या Sensex जैसे इंडेक्स के लाभ को दर्पणित करते हैं। म्यूचुअल फंड्स और ETFs के बीच मुख्य अंतर यह है कि ETFs की कीमतें दिन भर में सक्रिय रूप से अपडेट होती हैं, स्टॉक्स की तरह, और वे लाइव कीमतों पर खरीदे और बेचे जा सकते हैं।

दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड्स की कीमतें केवल दिन के अंत में अपडेट होती हैं और वे दिन के अंत की कीमत के आधार पर खरीदे और बेचे जा सकते हैं।

निफ़्टी-50 : बाजार में भारी गिरावट

सोमवार को बाजार खुलते ही गिरावट के संकेत मिलने लगे थे। दोपहर होते-होते Nifty-50 लगभग 300 अंक लुढ़क गया, जबकि Sensex में 1000 अंकों तक की गिरावट देखी गई। कई ब्लूचिप स्टॉक्स ने बड़ी गिरावट दर्ज की, जिसमें HDFC Bank, Reliance Industries, Infosys, और TCS जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।

इस गिरावट के चलते पूरे बाजार से एक दिन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये की मार्केट कैपिटलाइजेशन साफ हो गई। निवेशकों के पोर्टफोलियो में भारी नुकसान हुआ, खासकर उन लोगों को जो हाल ही में बाजार में एंट्री कर रहे थे।

निफ़्टी-50 : गिरावट की बड़ी वजहें

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का लगाया हुआ टैरिफ  – बीते हफ्ते ट्रम्प द्वारा लगाया गया टैरिफ ने समूचे दुनिया के बाज़ार में अफरा तफरी मचा दिया ,समूचे दुनिया के बाज़ार लहूलुहान हो गए और पुरे दुनिया के बाज़ारों   भी कमजोरी देखी गई थी।
  2. FII की बिकवाली – विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से भारी मात्रा में शेयरों की बिकवाली देखी गई है, जिससे बाजार में और गिरावट आई है।

    निफ़्टी-50
    निफ़्टी-50

❖ किन सेक्टर्स पर पड़ा असर?

सबसे ज्यादा असर IT, बैंकिंग, ऑटो, और मेटल सेक्टर में देखा गया। IT सेक्टर की बड़ी कंपनियों ने 2-3% तक की गिरावट दर्ज की, वहीं बैंकिंग शेयरों में भी भारी बिकवाली हुई।

मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में तो और भी ज्यादा गिरावट देखी गई, जिससे रिटेल निवेशकों का नुकसान और भी बढ़ गया।

निफ़्टी-50
निफ़्टी-50

निफ़्टी-50 : निवेशकों के लिए सलाह

इस तरह की गिरावट के समय घबराने की नहीं, समझदारी से कदम उठाने की ज़रूरत होती है।

  • लॉन्ग टर्म निवेशक घबराकर अपने शेयर न बेचें। गिरावट के समय अच्छे स्टॉक्स को डिस्काउंट पर खरीदने का मौका मिल सकता है।

  • शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए यह समय सतर्क रहने का है। स्टॉप लॉस लगाकर ट्रेडिंग करें और हाई वोलैटिलिटी वाले स्टॉक्स से दूर रहें।

  • नए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बिना रिसर्च के कोई भी निर्णय न लें और SIP जैसे सुरक्षित रास्तों पर ध्यान दें।

❖ आगे क्या?

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ दिन बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। इस हफ्ते आने वाले महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े, कोर्पोरेट रिजल्ट्स सीजन की शुरुआत, और विदेशी निवेशकों का मूवमेंट बाजार की दिशा तय करेंगे।


निष्कर्ष

आज की गिरावट ने यह एक बार फिर याद दिला दिया है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का आना आम बात है। ऐसे समय में घबराने के बजाय सूझ-बूझ से फैसला लेना ही समझदारी है। बाजार गिरता है तो उठता भी है – और यही इसकी खूबसूरती है।

ऐसी ही और टेक न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

– टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े – –

Studio Ghibli : AI क्रांति ! अब ChatGPT से बना सकते हैं 100+ Ghibli जादुई इमेज!

Nasdaq-100 में रिकॉर्ड गिरावट: अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर ने बाजारों को हिलाया | 4 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट

Nasdaq-100

4 अप्रैल 2025 को अमेरिकी शेयर बाजार में एक ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली। Nasdaq-100 इंडेक्स में 6.07% की गिरावट दर्ज की गई और यह 17,397.70 पर बंद हुआ, जो कि पिछले दिन की तुलना में 1,123.78 अंक नीचे था। यह गिरावट Nasdaq को Bear Market (मंदी वाले बाजार) में ले गई, यानी हालिया ऊपरी स्तर से 20% या उससे ज्यादा की गिरावट।

Nasdaq-100
Nasdaq-100

Nasdaq-100 : गिरावट की बड़ी वजह “Liberation Day” टैरिफ नीति

Nasdaq-100

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 54% और यूरोप पर 20% आयात शुल्क (Tariffs) लगाने की घोषणा की। इसके जवाब में चीन ने भी 34% टैरिफ अमेरिका पर थोप दिए। इससे बाजारों में ये डर फैल गया कि यह तनाव लंबी मंदी (Recession) को जन्म दे सकता है।

प्रमुख इंडेक्स का हाल

इंडेक्स

गिरावट

बंद भाव

Nasdaq 100

-6.07%

17,397.70

Dow Jones

-5.5%

38,314.86

S&P 500

-6.0%

5,074.08

💰 केवल दो दिनों में वैश्विक मार्केट से $6 ट्रिलियन से अधिक की संपत्ति मिट गई।

Nasdaq-100 : गिरावट की वजह: अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर

ट्रंप टैरिफ डे’
ट्रंप टैरिफ डे’

इस भारी गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही अमेरिका और चीन के बीच तेज़ होता व्यापार युद्ध। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने “Liberation Day” नीति के तहत चीन पर 54% और यूरोपीय यूनियन पर 20% का टैरिफ लगा दिया। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले सभी उत्पादों पर 34% टैरिफ लागू कर दिया।

इस टकराव से वैश्विक बाजारों में डर का माहौल बन गया और निवेशकों ने तेजी से बिकवाली शुरू कर दी।


अन्य प्रमुख इंडेक्स पर असर

  • Dow Jones: लगभग 2,200 अंक गिरा, यानी 5.5% की गिरावट और 38,314.86 पर बंद हुआ।

  • S&P 500: 6% गिरकर 5,074.08 पर बंद हुआ – यह 11 महीनों का सबसे निचला स्तर है।

सिर्फ दो दिनों में ग्लोबल स्टॉक्स से $6 ट्रिलियन से ज्यादा का मूल्य मिट गया।


Nasdaq-100 : निवेशकों की चिंता और आर्थिक संकेत

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी कि ये भारी टैरिफ्स महंगाई और आर्थिक मंदी को बढ़ावा दे सकते हैं। हालांकि मार्च 2025 की जॉब रिपोर्ट में 228,000 नई नौकरियाँ जुड़ीं, लेकिन बाज़ार में मंदी की आशंका अब भी बनी हुई है। जेपी मॉर्गन जैसे संस्थानों ने वैश्विक मंदी की संभावना को 60% तक बढ़ा दिया है।


किन सेक्टरों को नुकसान और किन्हें फायदा?

  • टेक्नोलॉजी सेक्टर को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, क्योंकि Nasdaq-100 में टेक स्टॉक्स का वज़न ज़्यादा है।

  • वहीं कंज्यूमर स्टेपल्स जैसे सेक्टर्स, जो मंदी के समय में भी टिके रहते हैं, उन्होंने थोड़ी स्थिरता दिखाई।


निवेशकों के लिए सलाह
  1. पैनिक सेलिंग से बचें – बाजारों में गिरावट के बाद अक्सर तेज़ उछाल भी आता है।

  2. विविध निवेश (Diversification) रखें – एक ही सेक्टर या एसेट क्लास में सारा पैसा न लगाएं।

  3. डिफेंसिव सेक्टर और सुरक्षित निवेश जैसे गोल्ड या सरकारी बॉन्ड में कुछ हिस्सेदारी रखें।

  4. थोड़ी नकदी (Liquidity) भी बनाए रखें ताकि आगे मौके आने पर निवेश किया जा सके।

Nasdaq-100 :  किन कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान?

टेक कंपनियों को सबसे गहरी चोट लगी।

  • Nvidia – लगभग 16% गिरावट

  • Tesla – 12% से अधिक गिरावट

  • Micron – करीब 9% की गिरावट

Nasdaq-100 : कौन से सेक्टर रहे सुरक्षित?

जब टेक और ग्रोथ सेक्टर टूटते हैं, तब निवेशक रुख करते हैं डिफेंसिव सेक्टर्स की ओर।

  • कंज्यूमर स्टेपल्स, हेल्थकेयर, और गोल्ड जैसी संपत्तियों में निवेश बढ़ा।

  • बॉन्ड यील्ड में हल्की गिरावट देखी गई क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर भागे।


Nasdaq-100 :  निवेशकों के लिए क्या सबक है?
  1. डर कर निवेश न बेचें – गिरावट के बाद अक्सर रिकवरी होती है।

  2. पोर्टफोलियो में विविधता रखें – सिर्फ टेक स्टॉक्स पर निर्भर न रहें।

  3. नकदी बनाकर रखें – मौके आने पर नई खरीदारी कर सकते हैं।

  4. Safe Haven एसेट्स – जैसे गोल्ड, गवर्नमेंट बॉन्ड पर विचार करें।


 निष्कर्ष: घबराइए मत, समझदारी से काम लीजिए

यह गिरावट याद दिलाती है कि शेयर बाजार सिर्फ आर्थिक आंकड़ों से नहीं, बल्कि राजनीतिक फैसलों और वैश्विक नीतियों से भी संचालित होता है।

लंबी अवधि के निवेशक के रूप में, डर से नहीं बल्कि रणनीति से सोचें


🖋 लेखक : KnowYourDuniya Team

भारत का भरोसेमंद AI और फाइनेंस समाचार स्रोत।


और पढ़ें :

https://knowyourduniya.com/mahindra-xuv700-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%a4%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%86%e0%a4%88-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%bf/

बोकारो : बोकारो में विस्थापितों और CISF के बीच झड़प, लाठीचार्ज में 1 व्यक्ति की मौत

बोकारो : बोकारो में विस्थापितों और CISF के बीच झड़प, लाठीचार्ज में 1 व्यक्ति की मौत

Nvidia : शेयरों में भारी गिरावट, नई टैरिफ नीतियों और एनालिस्ट डाउनग्रेड के चलते नुकसान,7% तक लुढ़का

Nvidia

NVIDIA Corporation एक पूर्ण-स्टैक कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। कंपनी चुनौतीपूर्ण कम्प्यूटेशनल समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए त्वरित कंप्यूटिंग में लगी हुई है। कंपनी के खंडों में कम्प्यूट और नेटवर्किंग और ग्राफिक्स शामिल हैं। कम्प्यूट और नेटवर्किंग खंड में इसके डेटा सेंटर त्वरित कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समाधान और सॉफ़्टवेयर; नेटवर्किंग; ऑटोमोटिव प्लेटफ़ॉर्म और स्वायत्त और इलेक्ट्रिक वाहन समाधान;रोबोटिक्स और अन्य एम्बेडेड प्लेटफ़ॉर्म के लिए जेटसन और DGX क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएँ शामिल हैं।

Nvidia : शेयरों में अचानक गिरावट क्यों आई ?

Nvidia
Nvidia

अमेरिका की प्रमुख चिप निर्माता कंपनी Nvidia के शेयरों में आज भारी गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के पीछे दो मुख्य कारण सामने आए हैं – नई टैरिफ नीतियां और एनालिस्ट द्वारा शेयरों का डाउनग्रेड

Nvidia : नई टैरिफ नीतियों का असर

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में आयात शुल्क (टैरिफ) बढ़ाने की घोषणा की है। इस नई नीति के तहत चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप्स पर अतिरिक्त 10% टैक्स लगाया गया है। Nvidia जैसी कंपनियां, जो अपने उत्पादों के लिए इन देशों पर निर्भर हैं, इस निर्णय से बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।

टैरिफ का सीधा असर:

  1. निर्माण लागत में वृद्धि – टैरिफ बढ़ने के कारण Nvidia को अपने उत्पादों की लागत बढ़ानी होगी, जिससे लाभ में कमी आएगी।
  2. शेयरधारकों की चिंता – निवेशकों को यह डर है कि कंपनी की भविष्य की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।
  3. प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी – अन्य कंपनियां जो कम लागत में चिप्स बना रही हैं, Nvidia के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती हैं।

एनालिस्ट डाउनग्रेड से भी दबाव

Nvidia
Nvidia

HSBC के वरिष्ठ विश्लेषक फ्रैंक ली ने Nvidia के शेयरों को “बाय” से “होल्ड” कर दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब निवेशकों को Nvidia के शेयर खरीदने के बजाय रोकने की सलाह दी जा रही है।

एनालिस्ट डाउनग्रेड के पीछे कारण

  1. AI GPU मार्केट में प्रतिस्पर्धा – AI आधारित चिप्स के बाजार में अब कई नए प्लेयर्स उतर चुके हैं, जिससे Nvidia की बाजार में पकड़ कमजोर हो सकती है।
  2. मांग में गिरावट – महामारी के बाद टेक इंडस्ट्री में भारी उछाल आया था, लेकिन अब यह धीमा पड़ रहा है।
  3. शेयर की ज्यादा कीमत – Nvidia के शेयर पहले ही काफी महंगे हो चुके हैं, जिससे निवेशकों को अब अन्य विकल्प तलाशने पड़ सकते हैं।

शेयर कितने गिरे ?

आज के कारोबारी सत्र में Nvidia के शेयरों में 5.7% की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट पिछले कुछ महीनों की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक मानी जा रही है। शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर यह गिरावट जारी रही, तो Nvidia की मार्केट वैल्यू पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

क्या Nvidia इस गिरावट से उबर पाएगी ?

हालांकि ये कंपनी अभी भी दुनिया की सबसे बड़ी AI चिप निर्माता कंपनियों में से एक है, लेकिन बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और नई नीतियों के चलते इसकी ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। कंपनी को अपनी रणनीति में बदलाव करने की जरूरत होगी, ताकि वह आने वाले समय में इन चुनौतियों से निपट सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस कंपनी को अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विविधता लानी होगी, जिससे वह अन्य बाजारों में भी अपनी पकड़ बना सके। साथ ही, अगर अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव बढ़ता है, तो ऐसी टेक कंपनियों को बड़े झटके लग सकते हैं।

निवेशकों के लिए क्या है उचित ?

अगर आप इसमें निवेश किए हुए हैं, तो अभी घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर आप नए निवेशक हैं और इस गिरावट के कारण ये शेयर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो थोड़ा इंतजार करना फायदेमंद हो सकता है।

इस कंपनी  के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह कंपनी अभी भी टेक इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों में से एक है। आने वाले महीनों में इसकी स्थिति किस तरह बदलती है, यह बाजार की परिस्थितियों और कंपनी की रणनीति पर निर्भर करेगा।

आपको क्या लगता है? क्या ये कंपनी इस गिरावट से उबर पाएगी, या आने वाले समय में इसे और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? अपनी राय हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!

ऐसी ही और  न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

– टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े –

वक्फ विधेयक 2025 पारित : पक्ष में 288 वोट ! जानें नए कानून के बड़े बदलाव और असर

‘ट्रंप टैरिफ डे’: 2 अप्रैल से वैश्विक व्यापार पर असर,भारतीय निर्यातकों के लिए नई चुनौतियाँ

 

HAL : ₹62,700 करोड़ का मेगा डील! HAL स्टॉक ने दिखाया दम, क्या आपको निवेश करना चाहिए?

HAL Share price

HAL : अभी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड  को भारतीय रक्षा मंत्रालय से एक बड़ा ऑर्डर मिला है, जिसकी कुल लागत रूपया 62,700 करोड़ है। यह ऑर्डर  156 लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ बनाने के लिए मिला है। इतना बार  आर्डर मिलने के बाद  शेयर में तगड़ी उछाल देखी गयी है ।

HAL Share price
HAL Share price

HAL : शेयरों पर प्रभाव

यह बड़ा ऑर्डर मिलने के बाद HAL के शेयर बाजार बढ़े हैं। १ एप्रैल 2025 को, HAL के शेयर मामूली तेजी के साथ २,177 पर बंद हुआ। २ पिछले एक महीने में HAL के शेयरों में 35% की वृद्धि देखी गई है।

HAL : क्या है मामला, क्यों आयी शेयर में तगड़ी बढ़त ?

हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को भारतीय रक्षा मंत्रालय से 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स (LCH) ‘प्रचंड’ के निर्माण का एक बड़ा ऑर्डर प्राप्त हुआ है, जिसकी कुल लागत ₹62,700 करोड़ है। इसमें से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना और 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे। ये हेलीकॉप्टर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 16,400 फीट से अधिक की उड़ान भरने और युद्ध जैसी परिस्थितियों में उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

HAL Share price
HAL Share price

HAL ने दिसंबर तिमाही में अपने शुद्ध मुनाफे में 14% की वृद्धि दर्ज की, जो ₹1,440 करोड़ तक पहुंच गया। राजस्व भी 15% बढ़कर ₹6,957 करोड़ हो गया। कंपनी के मजबूत ऑर्डर बुक और भविष्य में नए अनुबंधों की संभावना को देखते हुए, कई ब्रोकरेज हाउसों ने HAL के शेयर को ‘खरीदें’ की रेटिंग दी है, और कुछ ने इसका लक्ष्य मूल्य ₹5,340 से ₹7,089 के बीच रखा है।

HAL: क्या है वित्तीय स्थिति इस कंपनी की ?

HAL Share price
HAL Share price

जैसा की हम उपरोक्त data से देख प् रहे हैं की ,HAL ने लगातार ही हर QOQ और YOY में काफी बेहतर रेतुर्न दिया है ।DEC2024 की तिमाही में करीब 6957 करोड़ के बिक्री के साथ सभी डिफेन्स कंपनी में इसका पहला स्थान रहा है । शुद्ध मुनाफा भी बढ़कर करीब 1440 करोड़ हो गयी  है जो की पहले क़तर में करीब 1550 और उससे पहले क़तर में 1437 करोड़ था जो की अच्छा मन जा सकता है ।

HAL का EPS भी करीब 22 के आस पास है जो की काफी अच्छा मन जा सकता है ।

HAL Share price

क्या कहता है सालाना आंकड़ा ?

जैसा की हम देख पा रहे हैं , इस कंपनी ने मार्च 2024 में सालाना आधार पर करीब 7621 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया था और इस 2025 के दिसंबर तक ही इनका शुद्ध लाभ बढ़कर करीब 8696 करोड़ से ज्यादा हो चूका है ।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड  को भारतीय रक्षा मंत्रालय से 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स (LCH) ‘प्रचंड’ के निर्माण का एक महत्वपूर्ण ऑर्डर प्राप्त हुआ है। इसमें से 90 हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना और 66 भारतीय वायु सेना के लिए होंगे。

HAL: क्या है ऑर्डर का विवरण?

मूल्य: इस अनुबंध की कुल लागत ₹62,700 करोड़ है, जिसमें प्रशिक्षण और अन्य उपकरणों की कीमत भी शामिल है।

डिलीवरी समयरेखा: हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति तीसरे वर्ष से शुरू होगी और अगले पांच वर्षों में पूरी होगी।

रोजगार पर प्रभाव: इस परियोजना में 250 से अधिक घरेलू कंपनियां और लघु उद्यम शामिल होंगे, जिससे 8,500 से अधिक प्रत्यक्ष या परोक्ष रोजगार सृजित होंगे।

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) ‘प्रचंड’ की विशेषताएं:

उड़ान क्षमता: यह स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5,000 मीटर (लगभग 16,400 फीट) की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है।

हथियार प्रणाली: LCH में 20 मिमी की तोप, रॉकेट्स, मिसाइलें और बम लगाने की क्षमता है। 

उपयोग: यह हेलीकॉप्टर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लड़ाकू अभियानों, बंकर बस्टिंग ऑपरेशंस, काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशंस और सर्च एंड रेस्क्यू मिशनों में उपयोगी है। 

 क्या भारत बढ़ा पायेगा रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम ?

यह ऑर्डर भारत की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ऑर्डर मिलने से देश की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमता पर मुहर लगती है।यह सौदा न केवल भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगा।

चेतावनी : ये पोस्ट निवेश की सलाह नहीं है , कृपया निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह ले । किसी भी तरह के नुक्सान की जिम्मेदारी knowyourduniya.com  टीम की नहीं होगी ।

https://www.moneycontrol.com/india/stockpricequote/aerospacedefence/hindustanaeronautics/HAL#google_vignette

https://knowyourduniya.com/vaneck-semiconductor-etf-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%86%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%a1%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%b0/

ऐसी ही और टेक न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

– टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े –

मेगाक्वेक अलर्ट ! जापान में अगले 30 सालों में तबाही मचाने वाला भूकंप संभव ,क्या 2011 का इतिहास दोहराएगा खुद को ?

VanEck Semiconductor ETF : क्या आपने सेमीकंडक्टर वाले इस जबरदस्त ETF में किया निवेश ? टॉप से करीब 20% नीचे !

VanEck Semiconductor ETF : क्या आपने सेमीकंडक्टर वाले इस जबरदस्त ETF में किया निवेश ? टॉप से करीब 20% नीचे !

VanEck Semiconductor ETF

VanEck Semiconductor ETF : सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री वर्तमान समय में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इंडस्ट्री में से एक है। स्मार्टफोन, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन (EV), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी तमाम टेक्नोलॉजी में सेमीकंडक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में इस इंडस्ट्री से जुड़ा कोई भी निवेश लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न दे सकता है। यह ETF निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है ।

VanEck Semiconductor ETF क्या है ?

VanEck Semiconductor ETF (SMH) एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) है, जो सेमीकंडक्टर कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है। इस ETF का उद्देश्य निवेशकों को सेमीकंडक्टर सेक्टर में ग्रोथ और स्थिरता का लाभ दिलाना है। यह ETF अमेरिका की कुछ सबसे बड़ी चिपमेकिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है।

VanEck Semiconductor ETF : टॉप होल्डिंग्स 

VanEck Semiconductor ETF की प्रमुख होल्डिंग्स में शामिल हैं:

  • NVIDIA (NVDA) – ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) और AI टेक्नोलॉजी में अग्रणी कंपनी।
  • Taiwan Semiconductor Manufacturing Company (TSMC) – दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी।
  • Intel (INTC) – अमेरिकी चिप निर्माता, जो PC और सर्वर चिप्स के लिए मशहूर है।
  • Advanced Micro Devices (AMD) – हाई-परफॉर्मेंस चिप्स और गेमिंग प्रोसेसर में अग्रणी।
  • Qualcomm (QCOM) – मोबाइल और वायरलेस कम्युनिकेशन सेमीकंडक्टर में विशेषज्ञ।

    VanEck Semiconductor ETF
    VanEck Semiconductor ETF

VanEck Semiconductor ETF : अभी ETF 20% नीचे, क्या खरीदने का सही मौका?

हाल ही में, सेमीकंडक्टर सेक्टर में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, और SMH ETF अपने हालिया उच्चतम स्तर से लगभग 20% नीचे ट्रेड कर रहा है। इसका मुख्य कारण ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन, चिप डिमांड में अस्थिरता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है।

हालांकि, लॉन्ग टर्म में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की मांग मजबूत बनी हुई है, खासकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऑटोमेशन और हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग की बढ़ती जरूरतों के कारण। ऐसे में यह गिरावट निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकती है।

VanEck Semiconductor ETF
VanEck Semiconductor ETF

VanEck Semiconductor ETF के बारे में विस्तृत जानकारी

1. ETF की परफॉर्मेंस और ऐतिहासिक रिटर्न

VanEck Semiconductor ETF (SMH) ने पिछले कुछ वर्षों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। यहाँ कुछ आंकड़े दिए गए हैं:

पिछले 1 साल का रिटर्न: लगभग 50% (बाजार की स्थितियों के अनुसार बदल सकता है)

पिछले 5 साल का रिटर्न: 200% से अधिक

पिछले 10 साल का रिटर्न: 600% से अधिक

यह आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि लॉन्ग-टर्म में यह ETF निवेशकों को शानदार रिटर्न देने में सक्षम रहा है।

2. VanEck Semiconductor ETF का एक्सपेंस रेश्यो

ETF का एक्सपेंस रेश्यो 0.35% है, जो इसे इंडस्ट्री के अन्य ETF की तुलना में किफायती बनाता है। कम एक्सपेंस रेश्यो का मतलब है कि आपको ज्यादा मुनाफा मिल सकता है क्योंकि मैनेजमेंट फीस कम कटती है।

3. रिस्क फैक्टर्स

हालांकि यह ETF शानदार ग्रोथ दे सकता है, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी हैं:

1.मार्केट वोलाटिलिटी – टेक्नोलॉजी सेक्टर और सेमीकंडक्टर कंपनियों में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है।

2.जियोपॉलिटिकल रिस्क – अमेरिका-चीन ट्रेड वार जैसी घटनाएं सेमीकंडक्टर सेक्टर पर असर डाल सकती हैं।

3.माइक्रोचिप की डिमांड – अगर चिप डिमांड में गिरावट आती है, तो ETF की परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है।

4. अन्य सेमीकंडक्टर ETF की तुलना में SMH

अगर हम SMH ETF की तुलना अन्य प्रमुख सेमीकंडक्टर ETF से करें, तो कुछ अंतर दिखाई देते हैं:

ETF नाम

एक्सपेंस रेश्यो

5 साल का रिटर्न

टॉप होल्डिंग्स

SMH (VanEck Semiconductor ETF)

0.35%

~200%

NVIDIA, TSMC, AMD, Intel

SOXX (iShares Semiconductor ETF)

0.35%

~180%

Broadcom, Texas Instruments, Intel

XSD (SPDR S&P Semiconductor ETF)

0.35%

~150%

अधिक डायवर्सिफाइड लेकिन छोटे स्टॉक्स

SMH ETF का फोकस हाई-परफॉर्मेंस ग्रोथ कंपनियों पर है, जिससे लॉन्ग-टर्म में यह ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।

5. क्या यह ETF भारत के निवेशकों के लिए सही है?

अगर आप भारतीय निवेशक हैं और ग्लोबल टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, तो SMH ETF एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। भारत में कई ब्रोकर्स (Zerodha, Groww, INDmoney) इंटरनेशनल स्टॉक्स और ETF में निवेश करने की सुविधा देते हैं।

VanEck Semiconductor ETF
VanEck Semiconductor ETF

VanEck Semiconductor ETF : निवेश करने के फायदे

  1. डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो – इस ETF में कई प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियां शामिल हैं, जिससे रिस्क कम होता है।
  2. टेक्नोलॉजी सेक्टर का भविष्य – सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री आने वाले दशकों में और अधिक महत्वपूर्ण होने वाली है।
  3. ETF की लिक्विडिटी – चूंकि यह एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है, इसे आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है।
  4. कम लागत और लॉन्ग टर्म ग्रोथ – VanEck ETF निवेशकों को कम लागत पर सेमीकंडक्टर ग्रोथ का लाभ उठाने का मौका देता है।

VanEck Semiconductor ETF : क्या निवेश करना सही रहेगा?

अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में रुचि रखते हैं, तो VanEck Semiconductor ETF एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हालांकि, किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च करना और जोखिमों को समझना बहुत जरूरी है।

VanEck Semiconductor ETF (SMH) एक बेहतरीन निवेश विकल्प हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो सेमीकंडक्टर सेक्टर में लॉन्ग-टर्म ग्रोथ देख रहे हैं। वर्तमान में इसकी कीमत 20% तक गिरी हुई है, जो निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है। लेकिन, निवेश से पहले बाजार के ट्रेंड और व्यक्तिगत जोखिम क्षमता को ध्यान में रखना जरूरी है।

क्या आप इस ETF में निवेश करेंगे? हमें कमेंट में बताएं और अपने विचार साझा करें!

 क्या यह ETF भारत के निवेशकों के लिए सही है ?

अगर आप भारतीय निवेशक हैं और ग्लोबल टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, तो SMH ETF एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। भारत में कई ब्रोकर्स (Zerodha, Groww, INDmoney) इंटरनेशनल स्टॉक्स और ETF में निवेश करने की सुविधा देते हैं।

 मौजूदा समय में निवेश करना सही रहेगा ?

अभी SMH ETF अपने उच्चतम स्तर से 20% नीचे ट्रेड कर रहा है। अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो यह गिरावट खरीदारी का अच्छा मौका हो सकती है। हालाँकि, आपको मार्केट ट्रेंड को समझते हुए स्टेप बाई स्टेप निवेश करने की रणनीति अपनानी चाहिए।


निष्कर्ष

VanEck Semiconductor ETF (SMH) उन निवेशकों के लिए एक शानदार विकल्प है, जो सेमीकंडक्टर सेक्टर की ग्रोथ में भाग लेना चाहते हैं। हालांकि, इसमें निवेश से पहले बाजार के उतार-चढ़ाव और संभावित जोखिमों को समझना जरूरी है।

चेतावनी : ये पोस्ट निवेश की सलाह नहीं है , कृपया निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह ले । किसी भी तरह के नुक्सान की जिम्मेदारी knowyourduniya.com  टीम की नहीं होगी ।

https://www.vaneck.com/us/en/investments/semiconductor-etf-smh/overview/

https://knowyourduniya.com/studio-ghibli-ai-chatgpt-style-image/


क्या आप इस ETF में निवेश करने की सोच रहे हैं ? हमें कमेंट में बताएं! 🚀

ऐसी ही और टेक न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

– टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े – –

सिकंदर मूवी रिव्यू : एक्शन धमाका या फिर टाइम की बर्बादी ? क्या हो पायेगा 100 करोड़ के क्लब में शामिल ?

Studio Ghibli : AI क्रांति ! अब ChatGPT से बना सकते हैं 100+ Ghibli जादुई इमेज!

Polycab Share: “अडानी और अल्ट्राटेक की एंट्री से धड़ाम हुए पॉलीकैब के शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर ₹4963 तक पहुंचे ! निवेशकों के लिए खतरे की घंटी?”

Polycab Share

Polycab Share: हाल ही में पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड के शेयरों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। यह गिरावट मुख्यतः अडानी ग्रुप और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी बड़ी कंपनियों के केबल और वायर व्यवसाय में प्रवेश करने की घोषणाओं के कारण हुई है।

Polycab Share: Polycab India Ltd. के शेयरों में भारी गिरावट, 8% गिरे, अडानी और अल्ट्राटेक की एंट्री बनी कारण !

केबल और वायर निर्माता Polycab India Ltd. के शेयरों में हाल ही में भारी गिरावट दर्ज की गई। इसका मुख्य कारण अडानी ग्रुप और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी बड़ी कंपनियों का इस क्षेत्र में प्रवेश करना बताया जा रहा है। इन दोनों कंपनियों ने केबल और वायर व्यवसाय में अपने कदम रखने की घोषणा की है, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और निवेशकों में घबराहट देखी जा रही है।

Polycab Share
Polycab Share

Polycab Share: शेयरों में बड़ी गिरावट क्यों आई ?

1. अडानी ग्रुप की केबल और वायर व्यवसाय में एंट्री:

अडानी एंटरप्राइजेज ने अपनी सहायक कंपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड (KCL) के तहत केबल और वायर उद्योग में प्रवेश किया है। इस संयुक्त उद्यम के तहत बनाई गई नई कंपनी, प्रणीता इकोकेबल्स लिमिटेड (PEL), मेटल प्रोडक्ट्स, केबल और वायर के निर्माण, विपणन और वितरण में संलग्न होगी। इस घोषणा के बाद पॉलीकैब के शेयरों में 7.8% की गिरावट देखी गई ,जिससे शेयर मूल्य BSE पर 5,015.60 रुपये तक पहुंच गया।

2. अल्ट्राटेक सीमेंट की योजना:

आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट ने ‘बिल्डिंग सॉल्यूशंस’ प्रोवाइडर बनने की अपनी रणनीति के तहत केबल और वायर सेगमेंट में उतरने की घोषणा की, जिसके चलते पॉलीकैब के शेयरों में 15% तक की गिरावट दर्ज की गई ,जिससे शेयर मूल्य BSE पर 4,900.75 रुपये तक पहुंच गया।

Polycab Share
Polycab Share

Polycab Share: शेयर प्राइस अपडेट

20 मार्च 2025 को: पॉलीकैब इंडिया का शेयर 4,961.00 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले बंद मूल्य 5,195.80 रुपये से 8.78% कम है ।

52 सप्ताह का उच्चतम मूल्य: 7,605.00 रुपये

52 सप्ताह का न्यूनतम मूल्य: 4,555.00 रुपये

Polycab Share
Polycab Share

 

Polycab Share: टॉप से करीब 28% नीचे आ चूका है ये SHARE

करीब 28% के भारी करेक्शन के बाद ये शेयर अट्रैक्टिव लेवल पर आ चूका है

polycab shareholding image
Polycab Share

निवेशकों को अब क्या करना चाहिए ?

अडानी और अल्ट्राटेक जैसी बड़ी कंपनियों की एंट्री ने पॉलीकैब इंडिया के शेयरों को प्रभावित किया है।विश्लेषकों का मानना है कि पॉलीकैब इंडिया अभी भी एक मजबूत कंपनी है, लेकिन बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण इसके शेयरों में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी में कोई फैसला न लें और मार्केट ट्रेंड पर ध्यान दें।यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो कंपनी के आगामी वित्तीय प्रदर्शन पर नजर रखना जरूरी होगा।

Polycab Share
Polycab Share

 

आज ये शेयर लगभग 10% गिर के बहुत ही सस्ते वैल्यूएशन पर आ गया है , लेकिन अभी निवेशकों को चाहिए की वे और इन्तजार करें , इस शेयर में अभी और गिरावट की गुंजाइस है ।

https://www.timesnowhindi.com/business/polycab-havells-india-finolex-cables-shares-down-up-to-10-percent-as-adani-group-announces-entry-into-the-cable-wire-segment-article-119240267

https://www.zeebiz.com/hindi/stock-markets/stocks/polycab-share-price-vs-ultratech-cements-jefferies-maintains-buy-cuts-target-price-should-you-buy-203833

https://knowyourduniya.com/hdfc-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%af%e0%a5%87-mutual-fund-%e0%a4%b9%e0%a5%88-%e0%a4%b8%e0%a4%ad%e0%a5%80-mutual-funds-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%aa-25-cagr/

ऐसी ही ताजा खबरों के लिए जुड़े रहें – KnowYourDuniya.com पर !

क्या आप Polycab शेयर में निवेश करेंगे या फिर अडानी ग्रुप और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी बड़ी कंपनियों को प्राथमिकता देंगे ? हमें कमेंट में  जरूर बताएं !

ऐसी ही और टेक न्यूज़ और एक्सक्लूसिव अपडेट्स के लिए जुड़े रहें knowyourduniya.com के साथ !

चेतावनी : ये पोस्ट निवेश की सलाह नहीं है , कृपया निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह ले । किसी भी तरह के नुक्सान की जिम्मेदारी knowyourduniya.com  टीम की नहीं होगी ।

 

 – टीम Know Your Duniya

और ये भी पढ़े – – –

Amazing! HDFC का ये mutual fund है सभी mutual funds का बाप ! 25% रिटर्न ।

Amazing बम share! POLYCAB शेयर ने निवेशकों को बनाया है करोड़पति , क्या आपने निवेश किया ? 28% के डिस्काउंट पर उपलब्ध

Google Pixel 9a : ₹49999 के कीमत पर लांच , क्या iPhone 16e को मिलेगी टक्कर ?

 

 

Unbelievable! हूती विद्रोही पर Donald Trump का हमला , अमेरिका की साहसिक कार्रवाई ने यमन को बताई उसकी औकात ! किया एयर स्ट्राइक… 24 लोगों की मौत

हूती

Unbelievable! Donald ट्रम्प की साहसिक कार्रवाई,हूती विद्रोहियों को कहा, “अगर अमेरिका को धमकी दी, तो अमेरिका आपको पूरी तरह से जवाबदेह ठहराएगा और हम इसका करारा जवाब देंगे “

शनिवार, 15 मार्च 2025 को,  डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के खिलाफ़ सैन्य हमले किए गए। इन हमलों में कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 13 नागरिक शामिल हैं, और कई अन्य घायल हुए हैं।

आखिर कौन है हूती विद्रोही ?Donald Trump ने क्यों करवाया हवाई attack ?

हूती
हूती

हूती विद्रोही (Houthi Rebels), जिन्हें अंसार अल्लाह (Ansar Allah) भी कहा जाता है, यमन में सक्रिय एक शिया मुस्लिम विद्रोही संगठन है। यह समूह मुख्य रूप से ज़ैदी शिया मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है, जो यमन की कुल आबादी का लगभग 35-40% हिस्सा हैं।

हूती विद्रोहियों की उत्पत्ति और इतिहास:

  1. 1980 के दशक में यमन के उत्तरी हिस्से में ज़ैदी शियाओं के बीच धार्मिक और राजनीतिक असंतोष बढ़ा।
  2. 1990 के दशक में यमन की सरकार और सऊदी अरब से असहमति के कारण यह असंतोष एक आंदोलन में बदल गया।
  3. 2004 में संगठन के नेता हुसैन बदर अल-दीन अल-हूती की हत्या के बाद, यह आंदोलन और उग्र हो गया और इसे “हूती विद्रोह” कहा जाने लगा।
  4. 2014-2015 में हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्ज़ा कर लिया और सरकार को बाहर कर दिया।

हूती विद्रोहियों का मकसद

  1. यमन में अपनी राजनीतिक सत्ता स्थापित करना।
  2. सऊदी अरब और अमेरिका के प्रभाव को कम करना।
  3. खुद को एक स्वतंत्र राजनीतिक और सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करना।
हूती विद्रोहियों को समर्थन कौन देता है ?

हूती विद्रोहियों को मुख्य रूप से ईरान का समर्थन प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि ईरान उन्हें हथियार, पैसा और ट्रेनिंग प्रदान करता है, हालांकि ईरान आधिकारिक तौर पर इसका खंडन करता है।

हूती विद्रोहियों और अमेरिका-सऊदी अरब के बीच टकराव:

2015 में सऊदी अरब ने हूतियों के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देश शामिल थे।

•हूती विद्रोही सऊदी अरब, अमेरिका और पश्चिमी देशों के जहाजों और ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करते रहे हैं।

2023 से हूती विद्रोही रेड सी (लाल सागर) में शिपिंग पर हमले कर रहे हैं, जिससे अमेरिका और पश्चिमी देशों ने उन पर जवाबी हमले किए हैं।

हूती विद्रोहियों का वर्तमान स्थिति:

वर्तमान में, हूती विद्रोही यमन के बड़े हिस्से पर नियंत्रण रखते हैं और वे सऊदी गठबंधन एवं अमेरिका से लड़ाई कर रहे हैं। उनके खिलाफ अमेरिकी हमले इस क्षेत्र में संघर्ष को और भड़का सकते हैं।

Donald Trump  द्वारा हूती विद्रोहियों पर किये गए हमले का कारण :
हूती
Donald Trump attack

 डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले का आदेश इसलिए दिया, क्योंकि हूती विद्रोही लाल सागर में अमेरिकी और अन्य देशों के जहाजों पर हमले कर रहे थे, जिससे वैश्विक वाणिज्य और नौवहन की स्वतंत्रता प्रभावित हो रही थी।

Donald Trump
Donald Trump

 डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हूती ने समूचे दुनिया के व्यापारिक जहाजों  , विमानों और ड्रोन के खिलाफ़ समुद्री डकैती, हिंसा और आतंकवाद का निरंतर अभियान चलाया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।इसके अलावा,  डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को भी चेतावनी दी कि वह हूती विद्रोहियों का समर्थन बंद करे, अन्यथा उसे उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे ।

इन हमलों का उद्देश्य वैश्विक  जलमार्गों, वायु और नौसैनिक संपत्तियों की रक्षा करना और नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करना था। साना के निवासियों के अनुसार, हमलों में हूती विद्रोहियों के गढ़ में एक इमारत को निशाना बनाया गया, जिससे पूरे मोहल्ले में जोरदार धमाके महसूस किए गए।हूती विद्रोहियों ने नवंबर 2023 से अब तक शिपिंग पर 100 से अधिक हमले किए हैं, जिससे वैश्विक शिपिंग बाधित हुई है।इन हमलों के बाद, हूती प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सेना जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

https://www.aajtak.in/world/story/us-donald-trump-launches-strikes-on-yemens-houthis-many-civilians-killed-attack-report-ntc-dskc-2190979-2025-03-16

https://www.aljazeera.com/news/liveblog/2025/3/16/live-us-bombs-yemen-killing-13-after-houthis-pause-attacks-on-israel

और पढ़े …

https://knowyourduniya.com/spacex-nasa-iss-mission-%e0%a4%b8%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%80%e0%a4%a4%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%ae%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%a7%e0%a4%b0%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%aa/

Amazing! HDFC का ये mutual fund है सभी mutual funds का बाप ! 25% रिटर्न ।

Spacex-NASA ISS मिशन : सुनीता विलियम्स धरती पर नौ महीने बाद लौटेंगी , अमेरिकी अंतरिक्ष यान ने भरी उड़ान

आज का राशिफल ,Todays Horoscope ; जानिए 16 मार्च को कैसा रहेगा आपका दिन !