निफ़्टी-50 में ऐसा भूचाल जिसने उड़ा दी निवेशकों की नींद , जानिये सबसे महत्वपूर्ण कारण !

निफ़्टी-50 :आज भारतीय शेयर बाजार का ऐसा भूचाल आया जिसने निवेशकों की नींद उड़ा दी। देश के दो प्रमुख इंडेक्स – सेंसेक्स और निफ़्टी -50 – दोनों में तेज गिरावट देखने को मिली। सिर्फ एक दिन में निवेशकों के करीब 13 लाख करोड़ रुपये डूब गए। इस गिरावट ने न सिर्फ बाजार को हिलाया, बल्कि छोटे और मझोले निवेशकों के बीच चिंता की लहर भी दौड़ा दी है।

निफ़्टी-50
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निफ़्टी-50 : क्या है यह ?

निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख शेयरों का सूचकांक है। निफ्टी दो शब्दों को मिला कर बना है; नेशनल और फिफ्टी । निफ्टी शब्द नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सर्वोच्च पचास शेयरों पर आधारित है। निफ्टी की आधार वर्ष 1995 के रूप में लिया जाता है और मूल मान 1000 पर सेट होता है।

आप Nifty में इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। ये फंड्स उन स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो Nifty या Sensex जैसे इंडेक्स के लाभ को दर्पणित करते हैं। म्यूचुअल फंड्स और ETFs के बीच मुख्य अंतर यह है कि ETFs की कीमतें दिन भर में सक्रिय रूप से अपडेट होती हैं, स्टॉक्स की तरह, और वे लाइव कीमतों पर खरीदे और बेचे जा सकते हैं।

दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड्स की कीमतें केवल दिन के अंत में अपडेट होती हैं और वे दिन के अंत की कीमत के आधार पर खरीदे और बेचे जा सकते हैं।

निफ़्टी-50 : बाजार में भारी गिरावट

सोमवार को बाजार खुलते ही गिरावट के संकेत मिलने लगे थे। दोपहर होते-होते Nifty-50 लगभग 300 अंक लुढ़क गया, जबकि Sensex में 1000 अंकों तक की गिरावट देखी गई। कई ब्लूचिप स्टॉक्स ने बड़ी गिरावट दर्ज की, जिसमें HDFC Bank, Reliance Industries, Infosys, और TCS जैसी कंपनियाँ शामिल हैं।

इस गिरावट के चलते पूरे बाजार से एक दिन में लगभग 13 लाख करोड़ रुपये की मार्केट कैपिटलाइजेशन साफ हो गई। निवेशकों के पोर्टफोलियो में भारी नुकसान हुआ, खासकर उन लोगों को जो हाल ही में बाजार में एंट्री कर रहे थे।

निफ़्टी-50 : गिरावट की बड़ी वजहें

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का लगाया हुआ टैरिफ  – बीते हफ्ते ट्रम्प द्वारा लगाया गया टैरिफ ने समूचे दुनिया के बाज़ार में अफरा तफरी मचा दिया ,समूचे दुनिया के बाज़ार लहूलुहान हो गए और पुरे दुनिया के बाज़ारों   भी कमजोरी देखी गई थी।
  2. FII की बिकवाली – विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से भारी मात्रा में शेयरों की बिकवाली देखी गई है, जिससे बाजार में और गिरावट आई है।

    निफ़्टी-50
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❖ किन सेक्टर्स पर पड़ा असर?

सबसे ज्यादा असर IT, बैंकिंग, ऑटो, और मेटल सेक्टर में देखा गया। IT सेक्टर की बड़ी कंपनियों ने 2-3% तक की गिरावट दर्ज की, वहीं बैंकिंग शेयरों में भी भारी बिकवाली हुई।

मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में तो और भी ज्यादा गिरावट देखी गई, जिससे रिटेल निवेशकों का नुकसान और भी बढ़ गया।

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निफ़्टी-50 : निवेशकों के लिए सलाह

इस तरह की गिरावट के समय घबराने की नहीं, समझदारी से कदम उठाने की ज़रूरत होती है।

  • लॉन्ग टर्म निवेशक घबराकर अपने शेयर न बेचें। गिरावट के समय अच्छे स्टॉक्स को डिस्काउंट पर खरीदने का मौका मिल सकता है।

  • शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स के लिए यह समय सतर्क रहने का है। स्टॉप लॉस लगाकर ट्रेडिंग करें और हाई वोलैटिलिटी वाले स्टॉक्स से दूर रहें।

  • नए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बिना रिसर्च के कोई भी निर्णय न लें और SIP जैसे सुरक्षित रास्तों पर ध्यान दें।

❖ आगे क्या?

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ दिन बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। इस हफ्ते आने वाले महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़े, कोर्पोरेट रिजल्ट्स सीजन की शुरुआत, और विदेशी निवेशकों का मूवमेंट बाजार की दिशा तय करेंगे।


निष्कर्ष

आज की गिरावट ने यह एक बार फिर याद दिला दिया है कि शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का आना आम बात है। ऐसे समय में घबराने के बजाय सूझ-बूझ से फैसला लेना ही समझदारी है। बाजार गिरता है तो उठता भी है – और यही इसकी खूबसूरती है।

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– टीम Know Your Duniya

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